विश्व हॉकी लीग: भारत को पार करनी होगी जर्मनी की कठिन चुनौती
भारतीय हॉकी टीम को सोमवार को रियो ओलंपिक की कांस्य पदक विजेता जर्मनी की कठिन चुनौती का सामना करना होगा।
भुवनेश्वर, प्रेट्र। विश्व हॉकी लीग में अब तक साधारण प्रदर्शन करने वाली भारतीय हॉकी टीम को सोमवार को रियो ओलंपिक की कांस्य पदक विजेता जर्मनी की कठिन चुनौती का सामना करना होगा।
एक मैच में शानदार प्रदर्शन, दूसरे में खराब, यही भारतीय हॉकी टीम का पिछले कुछ वर्षों में प्रदर्शन रहा है। एशिया चैंपियन भारत को अगर विश्व स्तर पर अपना सिक्का जमाना है तो अपनी इस आदत को उन्हें छोडऩा होगा। ऑस्ट्रेलिया से पहला मुकाबला 1-1 से ड्रॉ खेलने के बाद भारतीय टीम से वापसी की उम्मीद लगाई जा रही थी, लेकिन इंग्लैंड से 2-3 से मिली हार ने इस उम्मीद को भी खत्म कर दिया। इस हार से उनकी विश्व रैंकिंग भी सात हो गई है। एक ड्रॉ और एक हार के बाद भारतीय टीम अब पूल-बी में एक अंक के साथ सबसे निचले स्थान पर है। इस पूल में शीर्ष पर जर्मनी काबिज है, जिन्होंने एक जीत और एक ड्रॉ के साथ चार अंक प्राप्त किए हैं। अब जब पूल मैचों में यही सामने आना बाकी है कि क्वार्टर फाइनल में कौन किससे भिड़ेगा, ऐसे में भारतीय टीम अपने आलोचकों को जवाब देना चाहेगी।
विश्व रैंकिंग में जर्मनी से एक ही स्थान नीचे मौजूद भारत के कोच शोर्ड मारिन की टीम अब अपने पिछले प्रदर्शन को भूलकर यूरोपियन पावरहाउस को हराने की कोशिश करेगी। मारिन को अब टीम को समझाना होगा कि अगर उन्हें इस प्रतियोगिता के साथ ही राष्ट्रमंडल खेल, एशियाई खेल और विश्व कप में पदक जीतना है तो उन्हें अपने प्रदर्शन में सुधार करना ही होगा। मारिन ने कहा कि हमें अपने अच्छे प्रदर्शन को लगातार जारी रखना होगा। मेरे लिए यही सबसे बड़ा सवाल है कि हम अपना स्तर कैसे गिरा देते हैं। इसी संबंध में हमें सुधार कि जरूरत है। ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ हमने शानदार प्रदर्शन किया तो इंग्लैंड के सामने हमने घुटने टेक दिए। इंग्लैंड के सामने हर स्तर पर हमने खराब प्रदर्शन किया। हमारा डिफेंस पूरी तरह से खराब रहा। यही वजह रही कि इंग्लैंड के सैम वार्ड दो गोल करने में कामयाब रहे। चौथे क्वार्टर में हमने दो गोल करके वापसी कर ली थी, लेकिन कमजोर डिफेंस का वार्ड ने फायदा उठाया, जो निर्णायक गोल भी साबित हुआ। मैं मानता हूं कि खिलाड़ी ऐसा जान बूझकर नहीं करते हैं, लेकिन इसका असर मैच पर पड़ता है। कोच ने कहा कि मुझे उम्मीद है कि भारतीय खिलाड़ी पिछली गलतियों को जर्मनी के खिलाफ नहीं दोहराएंगे।