हॉकी वर्ल्डकप 2018: टूटे करोड़ों भारतीय फैंस के सपने, क्वार्टर फाइनल में थमा भारत का सफर
मैच का पहला गोल 12वें मिनट में भारत के लिए आकाशदीप सिंह ने किया, जबकि नीदरलैंड्स के लिए 15वें मिनट में थिएरी ब्रिंकमैन ने बराबरी का गोल दागा।
(अशोक ध्यानचंद, साल 1975 वर्ल्डकप विजेता टीम के सदस्य)
पिछले 43 साल में पहली बार विश्व कप में पदक जीतने का भारतीय हॉकी टीम का सपना गुरुवार को क्वार्टर फाइनल में तीन बार की चैंपियन नीदरलैंड्स से 1-2 से मिली हार के साथ टूट गया। बेहद आक्रामक और रोमांचक इस मुकाबले में डच टीम का अनुभव मेजबान टीम पर भारी पड़ा। भारतीय टीम ने अपेक्षा के अनुरूप प्रदर्शन भी किया। 49वें मिनट तक दोनों टीमें 1-1 की बराबरी पर चल रही थीं।
इसके बाद 50वें मिनट में मिंक वान डेर वीयरडन के पेनाल्टी कॉर्नर पर किए गोल ने भारत के विश्व कप में पदक जीतने के सपने को तोड़कर रख दिया। मैच का पहला गोल 12वें मिनट में भारत के लिए आकाशदीप सिंह ने किया, जबकि नीदरलैंड्स के लिए 15वें मिनट में थिएरी ब्रिंकमैन ने बराबरी का गोल दागा।
इसे भारतीय टीम का दुर्भाग्य ही कहेंगे कि अच्छा प्रदर्शन करने के बावजूद उसे हार मिली। पहले क्वार्टर में ही दूसरे मिनट में भारत ने बहुत अच्छा मूव बनाया था, लेकिन गोल नहीं हो सका। छठे मिनट में मनप्रीत ने बायें ओर से आक्रमण किया। इस पर गोल होना चाहिए था, लेकिन भारत चूक गया। आठवें मिनट में नीलाकांत शर्मा और चिंग्लेनसाना सिंह ने एक बार फिर मिलकर बहुत अच्छा मूव बनाया, लेकिन फिर गोल नहीं हो सका। 10वें मिनट में मंदीप ने बायीं ओर से अच्छा आक्रमण किया और उन्होंने गेंद को करीब छह गज की दूरी से रिवर्स हिट भी किया, लेकिन गेंद गोलपोस्ट के बायीं ओर साइड में जाकर लगी।
11वें मिनट में भारत को पहला पेनाल्टी कॉर्नर मिला, जिस पर गेंद गोलकीपर से टकराकर आकाशदीप के पास आई और उन्होंने इस पर रिवर्स हिट से बेहतरीन गोल कर भारत को 1-0 से बढ़त दिला दी। पहला क्वार्टर खत्म होने के कुछ सेकेंड पहले सेंटर से मिली एक सीधी हिट पर थिएरी ब्रिंकमैन ने स्टिक से दिशा देते हुए गेंद को खूबसूरती के साथ गोल में पहुंचा दिया। गेंद भारतीय गोलकीपर पीआर श्रीजेश के दायीं ओर से गोल में समा गई और श्रीजेश इसे देखते रह गए। पहला क्वार्टर खत्म होते-होते नीदरलैंड्स की टीम 1-1 से बराबरी करने में सफल हुई।
दूसरे क्वार्टर में 23वें मिनट में नीलाकांत शर्मा के पास गोल करने का एक मौका था, लेकिन वह गेंद को पूरी ताकत से हिट नहीं कर पाए। तीसरे क्वार्टर में 34वें मिनट में आकाशदीप ने गोल करने का अच्छा मौका गंवाया, जिसके बाद नीदरलैंड्स ने जवाबी हमला बोला। उसे इसका फायदा मिला और उसे लगातार दो पेनाल्टी कॉर्नर हासिल हुए, लेकिन दोनों पर गोल नहीं हो सका। 37वें मिनट में मनप्रीत काफी दूर से दौड़ते हुए गेंद को डी के अंदर ले गए और दायीं ओर से ललित उपाध्याय को पास दिया। यह गोल करने का अच्छा मौका था, लेकिन एक बार फिर भारत को निराशा हाथ लगी।
इस क्वार्टर के आखिरी मिनट में मंदीप ने भी गोल करने का मौका गंवाया। चौथे क्वार्टर में सिमरनजीत सिंह दो-तीन खिलाड़ियों के बीच में से खूबसूरती के साथ गेंद को ले गए और आकाशदीप को दी, लेकिन आकाशदीप गेंद को अपने कब्जे में नहीं कर सके। 50वें मिनट में नीदरलैंड्स को लगातार दो पेनाल्टी कॉर्नर मिले, जिसमें दूसरे पर उसने गोल दागकर 2-1 की बढ़त बना ली। 53वें मिनट में अमित रोहिदास को पीला कार्ड दिखाया गया। उन्होंने डच खिलाड़ी को हॉकी मारने की कोशिश की थी, जिसके बाद रोहिदास को बाहर भेज दिया गया।
इसके चलते भारत को 10 खिलाड़ियों के साथ खेलना पड़ा। 54वें मिनट में भारत को एक पेनाल्टी कॉर्नर मिला, जो भारत ने फिर गंवा दिया। 57वें मिनट में भारत ने श्रीजेश को हटा लिया, जिससे भारत बिना गोलकीपर के खेला और उनकी जगह एक अतिरिक्त खिलाड़ी को उतारा। नीदरलैंड्स को एक पेनल्टी कॉर्नर मिला। बिना गोलकीपर के खेल रही भारतीय टीम ने इस पर अच्छा बचाव किया।