ऊना पुस्तकालय में कैसे करें प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी
जिला ऊना का पुस्तकालय भले ही लोगों के लिए ज्ञान का स्त्रोत बना हुआ है लेकिन वर्तमान समय में यहां पर प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करना आज की युवा पीढ़ी के लिए मुश्किल बना हुआ है।
जागरण संवाददाता, ऊना : जिला ऊना का पुस्तकालय भले ही लोगों के लिए ज्ञान का स्त्रोत बना हुआ है लेकिन वर्तमान समय में यहां पर प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करना आज की युवा पीढ़ी के लिए मुश्किल बना हुआ है। इसका मुख्य कारण यह है कि पुस्तकालय में प्रतियोगी परीक्षाओं की किताबों का नाममात्र होना है। जिला में सरकार ने पुस्तकालय तो खोला है लेकिन इसमें समय के हिसाब से किताबों को पहुंचाना सरकार के बस से बाहर लग रहा है। पाठकों को डिमांड के हिसाब से पुस्तकें उपलब्ध नहीं हो पा रही हैं। पाठकों की मांग ज्यादातर प्रतियोगी किताबों की है पर यहां पुरानी किताबों के ढेर लगे हुए हैं। मौजूदा समय में युवाओं को रोजगार पाने के लिए प्रतियोगी परीक्षाओं को पास करना होता है। ऐसे भी पाठक होते हैं जो ज्यादातर सरकारी पुस्तकालयों से किताबें लेकर अपनी परीक्षाओं की भी तैयारी करते हैं। ऐसे में जिला के एकमात्र पुस्तकालय में पुस्तकों का न होना उनके भविष्य को लेकर हल्के में लेना है।
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जिला पुस्तकालय वर्ष 1971 से लोगों को ज्ञान प्रदान कर रहा है लेकिन मौजूदा समय में इसका बदलना भी जरूरत बन गया है। मौजूदा समय में पुस्तकालय में 40317 के करीब किताबें हैं जो विभिन्न विषयों से संबंधित हैं। पुस्तकालय में 2500 सदस्य भी पंजीकृत हैं, जिनमें से 500 सदस्य सक्रिय हैं। जिला प्रशासन की तरफ से उपायुक्त राकेश कुमार प्रजापति ने पाठकों की समस्याओं को ध्यान में रखते हुए यहां पर डेस्क बढ़ाने के लिए बजट भी प्रदान किया है।
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ऐसे बनें पुस्तकालय का सदस्य
जिला पुस्तकालय में सदस्य बनने के लिए आसान तरीका है। सदस्य बनने के लिए 200 रुपये का शुल्क है। यहां से किताबें आसानी से मिल जाती हैं। जिन्हें 15 दिन में पढ़कर वापस करना होता है। पाठकों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए जिला पुस्तकालय का समय भी सुबह नौ से शाम पांच बजे तक किया गया है। पुस्तकालय में मिलने वाली पुस्तकों व अन्य गतिविधियों के बारे में सोशल मीडिया पर भी पाठकों को जानकारी दी जा रही है। वाट्सएप ग्रुप सहित न्य सोशल मीडिया पर भी जानकारियां मुहैया करवाई जाती हैं।
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2007 से क्लर्क का पद खाली
जिला पुस्तकालय में क्लर्क का पद वर्ष, 2007 से खाली चल रहा है। इससे रूटीन के काम में परेशानी आ रही है।
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किताबों का आकर्षण अब भी बरकरार
चाहे आज इंटरनेट व सोशल मीडिया व हाईटेक जमाना है लेकिन अभी भी लोगों का किताबें पढ़ने का रुझान वही है। लोग अभी भी पुस्तकालयों में किताबें पढ़ने के लिए आते हैं और रूटीन के रीडर हैं। सोशल मीडिया का कोई ज्यादा प्रभाव इन पर नहीं पड़ा है। पाठक आशीष, योगेश, मोनिका, सुनीता, विजय ने कहा वे लंबे समय से पुस्तकालय में पढ़ने आते हैं और उन्हें यहां आकर अपनी इच्छा की पुस्तक मिल जाती है। वर्तमान समय में पुस्तकालय में समय के नई पुस्तकें एवं अन्य सुविधाएं होना जरूरी हैं।
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पुस्तकालय में पाठकों की सुविधा का ध्यान रखा जाता है। प्रतियोगी परीक्षाओं की पुस्तकों की उपलब्धता के लिए सरकार व विभाग को लिखा गया है।
रंजना कुमारी, अध्यक्ष, पुस्तकालय ऊना