ऊना अस्पताल में शौचालयों की हालत खस्ता
नया साल शुरू हो चुका है लेकिन क्षेत्रीय अस्पताल ऊना में असुविधाओं की सूची पहले जितनी ही लंबी है।
सुरेश बसन, ऊना
नया साल शुरू हो चुका है लेकिन क्षेत्रीय अस्पताल ऊना में असुविधाओं की सूची पहले जितनी ही लंबी है। अस्पताल के ग्राउंड फ्लोर स्थित शौचालयों में बदहाली का आलम है। वहीं ऊपर के कक्षों में पानी की सही निकासी न होने के चलते नीचे कक्षों में पानी का रिसाव सीलन के रूप में हो रहा है। जबकि शौचालयों में ऊपर के कक्षों से गंदा पानी बड़ी मात्रा में नीचे आ रहा है। हैरत इस बात की है कि इसकी सुध लेने के लिए कोई जिम्मेदार अधिकारी जहमत नहीं उठा रहा। कुल मिलाकर व्यवस्था बनाने के नाम पर कोई कदम उठते नजर नहीं आ रहे। अस्पताल पहुंचने वाले मरीजों व तीमारदारों ने भी कई बार जिम्मा संभाल रहे अधिकारियों के आगे व्यवस्था को सुधारने की मांग की है लेकिन समय गुजरने के साथ समस्याएं बढ़ती जा रही हैं और समाधान न के बराबर। फिलहाल सामने आई समस्या पर नजर दौड़ाएं तो जहां कई शौचालयों को सही करने के लिए लाखों का खर्च किया जा रहा है। इसी के चलते कुछ शौचालयों को बंद भी रखा गया है तथा कुछ को प्रयोग के लिए खोला गया है। ऐसे में अस्पताल के ग्राउंड फ्लोर पर एक्सरे कक्ष से पूर्व शौचालय में ऊपरी मंजिल से गंदा पानी बड़ी मात्रा में आ रहा है तथा यह पानी लगातार नीचे शौचालय में आ रहा है। गंदे पानी के रिसाव का सिलसिला यहीं सीमित नहीं बल्कि इससे ओपीडी कक्ष भी अछूते नहीं हैं। पानी की सीलन चिल्ड्रन कक्ष की ओपीडी में भी आ रही है। गंदे पानी के रिसाव के चलते वीरवार को चल रही ओपीडी में शिशु रोग विशेषज्ञ को कक्ष में पड़ी लोहे की अलमारी को एक तरफ करना पड़ा। इस बात से ही व्यवस्था का अंदाजा लगाया जा सकता है।
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शिशु रोग विशेषज्ञ ओपीडी कक्ष के पास रास्ते में टूटे गटर के ढक्कन
क्षेत्रीय अस्पताल ऊना में प्रवेश के बाद शिशु रोग विशेषज्ञ, रक्त जांच, एक्सरे आदि कक्षों में जाने वाले मरीज कभी भी खस्ताहाल गटर के ढक्कनों की चपेट में आ सकते हैं। हालांकि ये गटर पानी की निकासी के लिए छोटे रूप में बनाए गए हैं लेकिन इसकी चपेट में कोई भी मरीज, गर्भवती महिला, वृद्ध या बच्चा आ सकता है। वर्तमान में यह फर्श पर लगे लोहेनुमा ढक्कन टूटने की कगार में हैं।
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शौचालयों में ऊपर से आ रहे गंदे पानी तथा शिशु रोग विशेषज्ञ की ओपीडी में आ रहे गंदे पानी के बारे में मुझे अभी तक किसी ने अवगत नहीं कराया है। मेरे ध्यान में ऐसा कोई समस्या नहीं है।
-डॉ. बीबी कटोच, एमएस, क्षेत्रीय अस्पताल ऊना।