युवाओं ने तालाब संवारा, बारिश ने लबालब भरा
दो कदम तू चल तो चार कदम मैं चलूंगा।
संवाद सूत्र, चितपूर्णी : दो कदम तू चल तो चार कदम मैं चलूंगा। शायद कुदरत के लिए कहे ये शब्द आज भी उस वक्त मेल खाते हैं जब इंसान द्वारा प्रकृति की सुंदरता के लिए हाथ बढ़ाया जाता है और बदले में प्रकृति भी उसे चार चांद लगा देती है। कुछ ऐसा ही वाक्या आजकल धलवाड़ी गांव में निर्णायक सिद्ध होता दिख रहा है। गांव के युवाओं ने सूखे तालाब को क्या संवारा, एक-दो बार हुई बारिश ने उसे लबालब पानी के साथ भर दिया।
पिछले काफी समय से बदहाल धलवाड़ी गांव के तालाब को युवाओं ने साफ किया। तालाब में उगी झाड़ियों और गार को वहां से हटा दिया। युवाओं द्वारा प्राकृतिक स्त्रोत को सहेजने की ओर यह एक कदम था। प्रकृति ने दो कदम बढ़ाए औरतालाब में बारिश का पानी भर दिया। अब सही मायनों में यह तालाब लग रहा है। क्षेत्र के लोग इन युवाओं की काफी सराहना कर रहे हैं। इस तालाब में जहां पालतू पशु पानी पीते हैं, वहीं बेसहारा पशुओं की प्यास भी यह पानी बुझाता है। इसके साथ जंगली जानवरों के लिए भी इसकी विशेष महता होगी। युवाओं की ओर से तालाब के साथ बनी पीने पानी की टंकी की भी सफाई की गई है जिससे राहीगरों को काफी सुविधा होती है। इसमें से निकलने वाला व्यर्थ पानी सीधा तालाब में एकत्रित हो जाता है।
डूहल भटवालां पंचायत के उपप्रधान आशीष शर्मा ने बताया कि गांव के युवकों ने बहुत सराहनीय कार्य किया है। इसके अलावा युवाओं द्वारा पंचायत को स्वच्छ बनाने में भी समय-समय पर श्रमदान किया जाता है।