डराती नहीं, जगाती भी है खाकी; सामाजिक बुराइयों का खात्मा करने में जुटे जवान
नाटकों और गीतों से बुराइयों पर चोट कर रहे आइआरबी के जवान, ड्यूटी के बाद शेष समय में करते हैं यह परोपकार का काम।
ऊना, वीरेन पराशर। जनता की नजर में पुलिस की छवि कुछ खास अच्छी नहीं मानी जाती। हाथ में डंडा, रौबदार आवाज के मालिक खाकीधारियों से सब दूर रहना ही पसंद करते हैं। इन सब के बीच कई बार पुलिसवालों का संवदेनशील चेहरा भी दिखता है, जिसे देख कोई भी तारीफ किए बिना नहीं रह सकता। ऊना जिले के वनगढ़ स्थित इंडियन रिजर्व बटालियन (आइआरबी) के जवानों ने भी सामाजिक बुराइयों के खिलाफ ऐसी अलख जगाई है कि लोग उनके मुरीद हो गए हैं। पुलिस कर्मचारी नाटकों और गीतों के माध्यम से जनता को जगा रहे हैं।
आइआरबी की बनगढ़ स्थित पहली बटालियन के 15 कर्मचारियों की ओर से गठित एकलव्य कला मंच उदाहरण है कि पुलिस भी सामाजिक बुराइयों के प्रति उतनी ही संवेदनशील है, जितने आम लोग। मंच के सदस्य जागरुकता से समाज में बदलाव लाने की मुहिम में जुटे हुए हैं।
ऊना जिले के विभिन्न स्थानों के साथ मंच के सदस्य प्रदेशभर में नाटकों, गीतों के माध्यम से सामाजिक बुराइयों का खात्मा करने में जुटे हैं। जवानों का यह दल ड्यूटी निर्वहन के बाद के समय को इस कार्य में जुट जाता है।
तीन साल से सक्रिय मंच
सामाजिक गतिविधियों को सार्थक रूप से बढ़ावा देने के लिए बटालियन ने 2015 में एकलव्य कला मंच का गठन किया था। मंच का संचालन वाहिनी के जवान ही करते हैं। मंच ने तीन साल की यात्रा के दौरान पूरे प्रदेश में विभिन्न राजकीय समारोहों में नाटकों और गीतों के माध्यम से महिला सशक्तीकरण, पर्यावरण संरक्षण, साइबर क्राइम, नशा निवारण और सड़क सुरक्षा इत्यादि की गंभीरता को अत्यंत प्रभावी ढंग से पेश किया है।
खुद ही बनाते हैं स्क्रिप्ट
मंच के सदस्य खुद ही नाटकों की स्क्रिप्ट और गीतों को तैयार करते हैं। इसे प्रभावी बनाने के लिए मौजूदा परिस्थितियों से जोडऩा इनकी खूबी है, जिससे दर्शक इनसे जुड़ाव महसूस करता है। गेयटी थियेटर शिमला में हर साल भाषा एवं संस्कृति विभाग की ओर से आयोजित हिमरंग महोत्सव के अंतर्गत नाट्य प्रतियोगिता में विभिन्न नाटकों का मंचन कर प्रतिभा की अमिट छाप छोड़ी है। राज्य सरकार ने भी मंच के सदस्यों की सराहना की है।
ऊना में नशे पर जागरूकता
नशे की दृष्टि से संवेदनशील ऊना जिले को नशामुक्त बनाने के उद्देश्य से जवानों द्वारा इस वर्ष विशेष जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है। इसमें कलामंच के सदस्यों ने विद्यार्थियों पर ध्यान केंद्रित करते हुए जिले के विभिन्न स्कूलों एवं कॉलेजों में जाकर नशे के दुष्प्रभावों का मार्मिक मंचन किया। मंच का प्रयास है कि युवा पीढ़ी को सजग किया जाए और नशे से बचाया जाए। जवान इस मुहिम को ग्रामीण स्तर तक ले जा रहे हैं।
बेहतर समाज का निर्माण हो
आइआरबी अस्तित्व में आने के बाद से ही कानून व्यवस्था ही नहीं सामाजिक कार्यों में भी सदैव अग्रणी रही। वाहिनी के अधिकारियों एवं कर्मचारियों ने सामाजिक कार्यों में भाग लिया है। उद्देश्य यही है कि सामाजिक चेतना के लिए चलाई मुहिम से आमजन में जागरूकता आए और बेहतर समाज का निर्माण हो।
-एसआर राणा, कमांडेंट, आइआरबी प्रथम, बनगढ़ (ऊना)