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खनन लीज की आड़ में चल रहा था जाली एम फार्म बनाने का धंधा

जाली एम फार्म बनाकर सरकार को लाखों रुपये का चूना लगाने वाले गिरोह के काबू किए गए सदस्य ने पुलिस के सामने कई रहस्य खोले हैं। अ

By JagranEdited By: Published: Mon, 26 Oct 2020 07:52 PM (IST)Updated: Tue, 27 Oct 2020 05:11 AM (IST)
खनन लीज की आड़ में चल रहा था जाली एम फार्म बनाने का धंधा
खनन लीज की आड़ में चल रहा था जाली एम फार्म बनाने का धंधा

जागरण संवाददाता, ऊना : जाली एम फार्म बनाकर सरकार को लाखों रुपये का चूना लगाने वाले गिरोह के काबू किए गए सदस्य ने पुलिस के सामने कई रहस्य खोले हैं। आरोपित जिस ठेकेदार के दफ्तर में काम करता था, उसी ठेकेदार के नाम एक खनन लीज भी है। इस खनन लीज की आड़ में ही यहां जाली एम फार्म बनाने का धंधा चल रहा था। पुलिस कार्रवाई के बाद अब इस खनन लीज धारक पर संकट के बादल भी मंडराने लगे हैं। इस मामले में पकड़े गए गए आरोपित को सोमवार को अदालत में पेश किया गया। कोर्ट ने 14 दिन के न्यायिक हिरासत में भेज दिया है।

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जिला मुख्यालय के डीएसपी रमाकांत ठाकुर और थाना सदर के प्रभारी गौरव भारद्वाज की अगुआई में पुलिस टीम ने पिछले सप्ताह जिला मुख्यालय ऊना में रेड कर जाली एम फार्म बनाने वाले गिरोह का पर्दाफाश किया था। पुलिस े पुराना होशियारपुर रोड पर एक ठेकेदार के कार्यालय में यह कार्रवाई की थी। मौके से कंप्यूटर सिस्टम और जाली एम फार्म से जुडे़ कई दस्तावेज कब्जे में लिए थे। पुलिस को सूचना मिली थी कि किसी व्यक्ति द्वारा रेत व बजरी की ढुलाई के लिए टैक्स से जुड़े नकली एम फार्म बनाए जा रहे हैं। पुलिस ने सूचना के आधार पर आधी रात को इस कार्यालय जो पुराना होशियारपुर रोड पर स्थित है, वहां छापा मारा था। इस कार्रवाई में एक 25 वर्षीय युवक विक्रम निवासी सिंहपुरा टाहलीवाला बोदला तहसील अरनीवाला जिला फाजिल्का पंजाब को गिरफ्तार किया था। युवक को चार दिन का पुलिस रिमांड मिला था।

पुलिस पूछताछ में यह भी पता चला है कि पकड़ा गया युवक जिस दफ्तर में काम कर रहा था, उस दफ्तर के मालिक के नाम खनन लीज भी है। इस खनन लीज में अधिकांश एम फार्म जारी ही दिए जाते रहे। पकड़ा गया युवक भी करीब दो महीने से इस दफ्तर में जाली एम फार्म बनाने का काम कर रहा था। इन एम फार्म पर इस ठेकेदार की खनन लीज के अलावा अन्य किस लीज अथवा क्रशर के नाम का इस्तेमाल हो रहा था, यह भी जांच में सामने आएगा। फिलहाल इस गिरोह की चेन लंबी बताई जा रही है। इस संबंध में जांच टीम अभी कई लोगों से पूछताछ भी कर रही है। पूरे रिकॉर्ड की भी छानबीन की जा रही है। रायसरी गांव से संबंधित एक ठेकेदार के कार्यालय में यह धंधा चल रहा था।

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क्यों इस्तेमाल होता है एम फार्म

खनन विभाग द्वारा मंजूर की गई लीज और क्रशरों के लिए एम फार्म (रास्ते का परमिट) के तौर पर इस्तेमाल किया जाता है। यह कुछ समय पूर्व खनन महकमे की ओर से जारी किया जाता था लेकिन अब लीज धारक और क्रशर मालिक अपने स्टाक और रायल्टी के मुताबिक इसे ऑनलाइन फीस जमा कराकर हासिल करते हैं। इसमें बाकायदा वाहन का नंबर, वाहन चालक का नाम, समय, गंतव्य का नाम और लीज अथवा क्रशर का नाम अंकित होता है। इसमें महकमे के पास यह जानकारी उपलब्ध होती है कि किस लीज अथवा क्रशर से रेत, बजरी और पत्थर की कितनी मात्रा में सप्लाई हुई है। इसके आधार पर ही लीज होल्डर्स व क्रशर मालिकों को शुल्क अदा करना होता है। एम फार्म किसी वैध खनन लीज व क्रशर से सामान ढुलाई का दस्तावेज है।

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मामला काफी गंभीर है। इसकी दस्तावेजों को लेकर पड़ताल की जा रही है। कब से धंधा चल रहा था। इसमें किन लोगों की मिलीभगत रही है, इसका भी पता लगाने का प्रयास किया जा रहा है।

-अर्जित सेन ठाकुर, एसपी ऊना


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