Move to Jagran APP

¨चतपूर्णी के धार क्षेत्र में बनेंगे सात चेक बांध

चिंतपूर्णी के धार क्षेत्र में पंचायतीराज विभाग के सौजन्य से सात चेक बांध बनाए जाएंगे।

By JagranEdited By: Published: Mon, 10 Sep 2018 06:50 PM (IST)Updated: Mon, 10 Sep 2018 06:50 PM (IST)
¨चतपूर्णी के धार क्षेत्र में बनेंगे सात चेक बांध
¨चतपूर्णी के धार क्षेत्र में बनेंगे सात चेक बांध

संवाद सहयोगी, ¨चतपूर्णी : चिंतपूर्णी के धार क्षेत्र में पंचायतीराज विभाग के सौजन्य से सात चेक बांध बनाए जाएंगे। इन बांधों पर 70 लाख से एक करोड़ रुपये खर्च होंगे। ये बांध किन पंचायतों में बनेंगे, इसका निर्णय अभी लिया जाना है। बावजूद इस क्षेत्र की इच्छुक पंचायतों को आगामी दो अक्टूबर को ग्राम सभा की बैठक में इस संदर्भ में कोरम पूरा करने के बाद विभाग के समक्ष प्रस्ताव पेश करने के बारे में कहा गया है। यह सारा कार्य मनरेगा के तहत पूरा किया जाएगा।

loksabha election banner

दरअसल विभाग का मानना है कि जमीन के नीचे जलस्तर बढ़ाने के लिए लघु बांध यानी चेक बांध एक बेहतर विकल्प साबित हो सकता है। क्योंकि धार क्षेत्र में बारिश होने के बाद पानी ठहरता नहीं है। सीधे खड्डों से होता हुआ सोमभद्रा नदी में पहुंच जाता है। हालांकि पोलियां जसवालां और लोहारा आदि क्षेत्रों में पहले भी चेक बांध बनाए गए हैं। वहीं अब सात नए चेक बांध भी इसी क्षेत्र में बनाए जाएंगे। विभाग अपने स्तर भी इसका सर्वेक्षण कर रहा है कि ये चेक बांध कहां बनाए जाएं लेकिन बधमाणा, करजड़ी, बहिम्बा, लोहारा, गौरी गंगा, बिरंगल, मवा, दर्शनी, चौआर, रिपोह, सूरी, भटेहड़ और घंगरेट जैसी अनेक खड्डें हैं, जिनमें वर्ष भर पानी रहता है, इन पर चेक बांध बनाए जा सकते हैं। फिलहाल संबंधित पंचायतें कोरम पूरा करके प्रस्ताव विभाग के समक्ष लाती हैं और अनुकूल परिस्थितियां रहती हैं, तो वहीं चेक डैम बनाने का विभाग प्रावधान करेगा।

------------------------

एक बांध पर खर्च होंगे सात से दस लाख रुपये

एक बांध पर सात से दस लाख रुपये खर्च करने की विभाग की योजना है। सारा कार्य मनरेगा के तहत ही पूरा किया जाएगा। इस संबंध में बीडीओ अभिषेक मित्तल ने बताया कि धार क्षेत्र के लिए सात चेक बांध स्वीकृत हुए हैं। इन बांधों के लिए बजट मनरेगा के तहत खर्च होगा।

-----------------

क्या हैं चेक बांध

चेक बांध मिट्टी, पत्थर या सीमेंट का बना वो अवरोध होता है, जिसे किसी नाले या खड्ड के जल प्रवाह की विपरित दिशा में खड़ा किया जाता है। चेक बांध जहां जलस्तर को बढ़ाता है, वहीं धार जैसे भौगोलिक क्षेत्र में भू-स्खलन जैसी समस्याओं में भी कमी आती है। अगर सरकार प्रयास करे तो इन चेक बांध का उपयोग ¨सचाई के लिए किया जा सकता है। इसके अलावा मछली पालन और इन बांधों के किनारे पौधरोपण करके पर्यावरण संरक्षण भी किया जा सकता है।

----------------------

धार बेल्ट के लिए उपयोगी हो सकते हैं चेक बांध

¨चतपूर्णी विस क्षेत्र के घंगरेट से लेकर सूरी तक के करीब पचास किलोमीटर क्षेत्र में कृषि सिर्फ बारिश पर ही निर्भर है। ऋतु परिवर्तन में बदलाव से पहले कुछ दशक पूर्व तक इस क्षेत्र की मिट्टी सोना उगलती रही है लेकिन अब किसान मायूस व निराश हैं, क्योंकि समय पर बारिश न होने या बहुत होने से किसानों के अरमानों पर पानी फिर जाता है। ऐसे में क्षेत्र के साठ फीसद से ज्यादा खेत अब सूने नजर आते हैं। विडम्बना यह है कि इस क्षेत्र में पानी की कोई कमी नहीं है। कई खड्डों से बारह महीने पानी बहता है, लेकिन इसका उपयोग आज तक हो ही नहीं पाया। वहीं, क्षेत्र में बने नौ चेक बांध भी ¨सचाई सुविधा देने में समर्थ नहीं हो पाए, क्योंकि इसके लिए योजना ही तैयार नहीं हो पाई। अब पुराने और नए बनने वाले चेक बांधों को ग्रेवेटी सिस्टम से खेतों तक पानी पहुंचा दिया जाए तो क्षेत्र के किसान खुशहाल हो सकते हैं।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.