भव सागर से पार लगाती है श्रीराम कथा
जमासनी मंदिर में श्रीराम कथा के सातवें दिन डॉ. जितेंद्र स्वामी ने बताया बिना उद्धार के जीवन सार्थक नहीं हो सकता।
संवाद सहयोगी, बंगाणा : जमासनी मंदिर में श्रीराम कथा के सातवें दिन डॉ. जितेंद्र स्वामी ने बताया बिना उद्धार के जीवन सार्थक नहीं हो सकता। जैसे केवट ने भगवान श्रीराम को नदी पर करवाई लेकिन वास्तव मे अपना उद्धार कर लिया। रामायण में राम ब्रह्म, सीता भक्ति व लक्ष्मण ज्ञान हैं व रामायण को जीवन में अपनाकर मनुष्य भव पार सरलता से हो सकता है। अगर जीवन में सांसारिक विषयों के प्रति राग नहीं होगा तो फिर द्वेष पैदा नहीं होगा। फिर सहजता से परोपकार्य करके मानव अपने जीवन को सार्थक कर सकता है। जब भी हम सात्विक वृति से समाज में पूर्ण तत्परता से कर्म करेंगे तो स्वयं आपके माध्यम से परोपकार्य हो जाएंगे। आप जहां हो वहीं भजन करो, जप करो ऐसा नहीं कि कहीं अन्य जगह जाकर आपको भगवान मिलेंगे क्योंकि वो तो आपके अंदर है। प्रकृति सब का भला करती है, सूर्य सबको ऊर्जा देता है, लेकिन हम ही मेरा-मेरा करते हैं। इस मौके पर प्रधान राजिद्र मलांगड़, मोहिद्र पाल, योगराज शर्मा, सुरिद्र, अरविद मलांगड़, जीत राम, हरिओम जमासनी प्रबंधक आदि मौजूद रहे।