सत्ती का मानसिक संतुलन बिगड़ गया है : वीरभद्र
पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने कहा प्रदेश भाजपा अध्यक्ष सतपाल सत्ती का मानसिक संतुलन बिगड़ गया है।
जागरण संवाददाता, घालूवाल (ऊना) : पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने कहा प्रदेश भाजपा अध्यक्ष सतपाल सत्ती का मानसिक संतुलन बिगड़ गया है। सत्ती की विवादित टिप्पणियों पर मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर का चुप रहना और बचाव करना शायद उनकी पार्टी की मजबूरी होगी लेकिन कांग्रेस पार्टी की कोई मजबूरी नहीं है। वीरभद्र सिंह ने वीरवार को हरोली विधानसभा क्षेत्र के घालूवाल में ओबीसी विभाग के सम्मेलन को संबोधित किया। उन्होंने हमीरपुर संसदीय क्षेत्र से कांग्रेस प्रत्याशी रामलाल ठाकुर के पक्ष में प्रचार किया। कहा रामलाल ठाकुर कांग्रेस के पुराने उम्मीदवार हैं। उनको भारी मतों से जीत दिलाएं। साथ ही भाजपा पर जमकर निशाना साधा। कार्यक्रम में कांग्रेस के सह प्रभारी गुरकीरत सिंह कोटली, कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष कुलदीप राठौर व ऊना सदर के विधायक सतपाल रायजादा मौजूद रहे।
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भाजपा को विकास हजम नहीं हो रहा
वीरभद्र सिंह ने कहा कि पूरा हिमाचल एक है। भाजपा को कांग्रेस द्वारा करवाया गया विकास हजम नहीं हो रहा है। भाजपा कहती है कि आपने रेबड़ियों की तरह स्कूल बांटे। जबकि यह शिक्षा के क्षेत्र में एक विकास था।
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विनय शर्मा के बयान की निंदा
वीरभद्र ने पूर्व डिप्टी एडवोकेट जनरल विनय शर्मा की ओर से सत्ती की जुबान काटने के बयान की भी निंदा की। कहा अगर विनय शर्मा ने ऐसा कहा है तो यह गलत है। यह लोकतंत्र में राजनीति की मर्यादित भाषा नहीं है।
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मुकेश को दिल्ली भेजने के हक में नहीं
वीरभद्र सिंह ने कहा कि नेता प्रतिपक्ष मुकेश अग्निहोत्री को दिल्ली भेजने के लिए कुछ प्रयास किए गए थे लेकिन पहले ही दिन से ऐसे प्रयासों को रोक दिया गया था, क्योंकि प्रदेश में मुकेश अग्निहोत्री बेहतर काम कर रहे हैं। प्रदेश सरकार की नीतियों पर कड़ी नजर रख मुद्दों पर बात की जा रही है, ऐसे में अग्निहोत्री की जरूरत है। वह प्रदेश की राजनीति में हैं और आगे भी अच्छा काम करेंगे।
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सत्ती ने आरएसएस की छवि खराब की : राठौर
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कुलदीप सिंह राठौर ने कहा आरएसएस को देश में अच्छे संस्कार देने वाली संस्था है। जहां तक कि आरएसएस बेहतर संस्कार और संस्कृति निर्माण वाला संगठन है लेकिन प्रदेश भाजपाध्यक्ष सतपाल सत्ती ने आरएसएस संगठन की छवि खराब करने का प्रयास किया है जिसका खामियाजा लोकसभा चुनाव में भाजपा को भुगतने के लिए तैयार रहना चाहिए। भाजपा केंद्रीय स्तर पर दोफाड़ नजर आ रही है।