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जसवां-परागपुर को मोतियाबिद मुक्त करने के प्रयास

जसवां-परागपुर क्षेत्र को मोतियाबिद मुक्त करने के कैप्टन संजय पराशर के प्रयास रंग ला रहे हैं। उनकी ओर से आयोजित स्वास्थ्य शिविर का कई लोग फायदा उठा रहे हैं।

By JagranEdited By: Published: Wed, 22 Sep 2021 03:44 PM (IST)Updated: Wed, 22 Sep 2021 03:44 PM (IST)
जसवां-परागपुर को मोतियाबिद मुक्त करने के प्रयास
जसवां-परागपुर को मोतियाबिद मुक्त करने के प्रयास

संवाद सहयोगी, चिंतपूर्णी : जसवां-परागपुर क्षेत्र को मोतियाबिद मुक्त करने के कैप्टन संजय पराशर के प्रयास जारी हैं। संजय पराशर ने बुधवार को क्षेत्र के 49 लोगों के मोतियाबिंद के मुफ्त आपरेशन जालंधर के एक निजी अस्पताल में करवाए गए। अब तक पराशर के सौजन्य से 396 लोगों के मोतियाबिद के आपरेशन करवाए जा चुके हैं।

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संजय पराशर ने इसी वर्ष फरवरी में आंख व कान के रोगों से संबंधित लोगों के लिए स्वास्थ्य शिविर आयोजित करना शुरू किए थे। पराशर की ओर से आयोजित 11 स्वास्थ्य शिविर का 10,198 लोग लाभ ले चुके हैं। हर स्वास्थ्य शिविर में मोतियाबिद से पीड़ित मरीज पहुंच रहे हैं। ब्लड प्रेशर व शुगर ज्यादा होने के कारण कुछ बुजुर्ग मरीजों के आपरेशन नहीं हो सके हैं। चिकित्सकों के अनुसार ऐसे लोगों का ब्लड प्रेशर और शुगर नियंत्रित होने के बाद आपरेशन किया जाएगा। आज तक जो आपरेशन हुए हैं, उनकी सफलता की दर शत-प्रतिशत रही है।

स्वास्थ्य शिविर में मरीजों को चश्मे के साथ दवा भी मुफ्त उपलब्ध करवाई जाती है। जिन मरीजों का आपरेशन होने होता है, उन्हें उनके गांव से ही बस सेवा मुहैया करवाई जाती है। खाने-पीने और ठहरने की व्यवस्था भी पराशर करते हैं। इस दौरान मरीज का कोई पैसा खर्च नहीं होता है। पराशर ने अब तक 564 चश्मे भी नेत्र रोगियों को वितरित किए हैं। पहले से बेहतर देख पा रहे आपरेशन करवाने वाले

मोतियाबिद का आपरेशन करवाकर लौटे उदय चंद, शादी लाल, शांति देवी, कृष्णा देवी, शीला देवी, देवी चंद, रामकली, तरसेम व तिलक राज ने बताया कि संजय पराशर ने स्वास्थ्य शिविर के अलावा मोतियाबिद के आपरेशन के लिए बेहतर व्यवस्था की है। स्वास्थ्य शिविर में लंबा इंतजार नहीं करना पड़ता है। चिकित्सक आपरेशन का परामर्श देते हैं तो तीन दिन के भीतर ही यह व्यवस्था कर दी जाती है। मंगलवार को भी दो वाहनों में कस्बा कोटला से आपरेशन के लिए मरीज जालंधर भेजे गए थे। पराशर के कारण अब वे पहले से बेहतर देख पा रहे हैं और उन्होंने कुछ खर्च नहीं किया। इसलिए वे संजय का आभार जताते हैं। आखों की जांच से लेकर आपरेशन तक की व्यवस्था

संजय पराशर ने कहा कि पहले कई बुजुर्ग मोतियाबिंद से किन्हीं कारणों से समझौता कर लेते थे लेकिन अब उन्हें ऐसा करने की आवश्यकता नहीं है। आपरेशन की प्रक्रिया सिर्फ दो दिन की है और इसके लिए मरीज को सिर्फ अपना समय देना है। आखों की जांच से लेकर आपरेशन तक की व्यवस्था की गई है। मरीजों का अुनभव यह है कि उन्हें आपरेशन के दौरान किसी प्रकार की दिक्कत नहीं आई है। अक्टूबर में जसवां-परागपुर क्षेत्र के दो स्थानों पर स्वास्थ्य शिविर लगाए जाने की योजना है।


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