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पर्यटन से खिलेगा कुटलैहड़, उद्योगों से मिलेगा रोजगार

प्रदेश सरकार का बजट ऊना के लिए विशेष रहा।

By JagranEdited By: Published: Sat, 09 Feb 2019 06:29 PM (IST)Updated: Sat, 09 Feb 2019 06:29 PM (IST)
पर्यटन से खिलेगा कुटलैहड़, उद्योगों से मिलेगा रोजगार

वीरेन पराशर, ऊना

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प्रदेश सरकार का बजट ऊना के लिए विशेष रहा। जिले में उद्योग व पर्यटन के विस्तार को लेकर घोषणाएं हुई हैं। जबकि स्वां नदी के शेष तटीकरण को पूरा करने के लिए भी सरकार ने बजट में उल्लेख किया। प्रदेश सरकार की घोषणाओं को विकास की दृष्टि से अहम माना जा सकता है। कारण, उद्योग और पर्यटन के माध्यम से जिले के ऐसे क्षेत्रों को संबल मिलेगा, जहां पर विकास की अभी कृपा दृष्टि होनी बाकी है। तीनों योजनाओं के लागू होने से संबंधित क्षेत्रों में रोजगार के साधन बड़े पैमाने पर पैदा होंगे।

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पर्यटन से चहकेगा कुटलैहड़

पर्यटन की बात करें तो इस विषय में जिला ऊना को कभी तवज्जो नहीं मिली। धार्मिक पर्यटन को छोड़ दें तो जिला को कभी अपने प्राकृतिक सौंदर्य के लिए मान्यता नहीं मिली। मैदानी व पहाड़ी क्षेत्र के मिले-जुले भौगोलिक रूप के चलते पर्यटक अभी जिले की तरफ आकर्षित नहीं हो सके। यही कारण है कि सरकार के पर्यटन विभाग के कांगड़ा जिले के अधिकारी को ऊना का भी अतिरिक्त जिम्मा सौंपा गया है। ऊना - चंबा एकीकृत योजना का सीधा लाभ कुटलैहड़ क्षेत्र को मिलेगा। यह पहाड़ी क्षेत्र गो¨बद सागर झील के किनारे है तो दूसरा यहां पर प्राचीन किले एवं मंदिरों की तादाद काफी है। प्राकृति सौंदर्य हर किसी को अपनी ओर आकर्षित करता है। पर्यटन के लिहाज से यह क्षेत्र इसलिए अनदेखा रहा, क्योंकि इन स्थानों तक परिवहन सहित अन्य प्रकार की सुविधाएं नहीं जुटाई जा सकीं। इसके साथ ही चिंतपूर्णी और ऊना विधानसभा क्षेत्र के कई स्थान भी पर्यटन के लिहाज से विकसित हो सकते हैं। अभी तक कागजों में योजनाएं बनीं पर लागू नहीं हो सकी। अब सरकार की घोषणा के बाद न केवल इन क्षेत्रों में पर्यटन विकसित होगा बल्कि स्वरोजगार के साधन भी बनेंगे।

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दुर्गम बनगढ़ भी होगा विकसित

ऊना जिले की सीमा और पंजाब के साथ सटा यह क्षेत्र दुर्गम और पहाड़ी है। यहां पर आबादी तो है पर सुविधाएं बेहद कम। मैहतपुर औद्योगिक क्षेत्र से बनगढ़ में उद्योग स्थापित होने पर यह स्थान विकास के साथ जुड़ेगा। ऊना और कुटलैहड़ विस क्षेत्र के साथ जुटे बनगढ़ के विकसित होने से हिमाचल और पंजाब दोनों को लाभ होगा। मैहतपुर औद्योगिक क्षेत्र लंबे समय से स्थापित है लेकिन अभी तक पूरी तरह गति नहीं पकड़ पाया है। ऐसे में बनगढ़ में औद्योगिक स्थल स्थापित होने से जिले भर के युवाओं को निजी क्षेत्र में नौकरी हासिल हो सकेगी।

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अटकी स्वां भी बढ़ेगी आगे

स्वां नदी का चैनेलाइजेशन का प्रोजेक्ट केंद्र सरकार का रहा है। 900 करोड़ रुपये के इस कार्य का अंतिम चरण पूरा होना बाकी है, पर सरकार की ओर से बजट में इसका जिक्र होने से इसके पूरा होने की उम्मीद जगी है। गगरेट-हरोली क्षेत्र की खड्डों को इसके अधीन लाया जा रहा है। हालांकि यह मामला राजनीतिक गलियारों में अधिक गूंजता रहा है। भाजपा और कांग्रेस इसके लिए कई बार आमने-सामने भी आ चुके हैं। कांग्रेस इसकी देरी को लेकर केंद्र सरकार को दोषी ठहराती रहती है। अब बजट में इसके चैनेलाइजेशन की चर्चा हुई है, ऐसे में उन सैकड़ों किसानों को जरूर उम्मीद जगी है, जिनकी हजारों कनाल भूमि स्वां के किनारे होने के चलते दलदल बनी हुई है।

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बनगढ़ में नए औद्योगिक स्थल की घोषणा सराहनीय है। इससे नए उद्योग स्थापित होंगे ही, साथ में युवाओं को रोजगार भी मिलेगा।

- सुनील।

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अभी तक जिले को पर्यटन के लिहाज से कोई महत्व नहीं मिलता था। सरकार प्रयास करेगी तो पर्यटन स्थलों से भी ऊना को नई पहचान मिलेगी।

- राजेश्वर।

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स्वां का मुद्दा लंबे समय से राजनीतिक रूप ले चुका है। अब सरकार इसमें गंभीरता दिखा रही है तो उम्मीद है कि शेष काम जल्द पूरा होगा।

-जसवंत।

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सरकार का पर्यटन योजना बनाना सबसे बड़ा फैसला है। पहली बार हुआ है कि बजट में जिले के पर्यटन को लेकर कोई प्रावधान हुआ हो, यह सराहनीय है।

- सतीश।


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