प्राकृतिक खेती से जुड़ें किसान : कंवर
ग्रामीण विकास एवं पंचायतीराज मंत्री वीरेंद्र कंवर ने कहा किसानों को प्राकृतिक खेती अपनाने का प्रशिक्षण दिया जा रहा है।
जागरण संवाददाता, थानाकलां : ग्रामीण विकास एवं पंचायतीराज मंत्री वीरेंद्र कंवर ने कहा किसानों को प्राकृतिक खेती अपनाने का प्रशिक्षण दिया जा रहा है ताकि कृषि आय को दोगुना किया जा सके और साथ ही फसलें रसायनमुक्त हो सकें। ऊना में 704 किसानों को लाभान्वित करने का लक्ष्य रखा है। कंवर ने बुधवार को थानाकलां में जिला कृषि विभाग की ओर से आयोजित एक दिवसीय कृषक प्रशिक्षण शिविर की अध्यक्षता की। कहा जीरो बजट प्राकृतिक खेती का उद्देश्य किसानों की आय को कृषि के माध्यम से दोगुना करना, खेती को जहर मुक्त बनाना तथा खेती में कीटनाशकों एवं रासायनिक खादों के बढ़ते इस्तेमाल को कम करना है। रासायनिक खादों व कीटनाशकों के बढ़ते इस्तेमाल से जहां आज खेती के साथ-साथ जल व जमीन प्रदूषित हुई है, वहीं मनुष्य कैंसर जैसी कई गंभीर बीमारियों की चपेट में आ रहा है। प्राकृतिक खेती में फसलों को हानिकारक कीटों से बचाने के लिए न केवल गाय के गोबर व गोमूत्र से तैयार घोल का प्रयोग किया जाता है बल्कि प्राकृतिक कीटनाशकों जैसे नीमास्त्र, अग्रिशस्त्र, ब्रहमास्त्र इत्यादि का भी प्रयोग होता है। एक देसी गाय के गोबर व मूत्र से एक माह के भीतर 30 एकड़ भूमि में किसान खेती कर सकते हैं। भारतीय मूल की 24 प्रकार की देसी गाय की नस्लें हैं। इससे पहले उपनिदेशक कृषि डॉ. सुरेश कपूर ने प्रशिक्षण शिविर के बारे में जानकारी दी। डॉ. बीआर तक्खी परियोजना निदेशक आतमा ने जीरो बजट प्राकृतिक खेती पर जागरूक किया। सरकार की ओर से चलाई जा रही योजनाओं की जानकारी दी। वरिष्ठ पशु चिकित्सक डॉ. सतिंद्र ठाकुर तथा पशु चिकित्सक डॉ. अभिनव सोनी ने पशुपालन एवं देसी गोपालन से जुड़ी जानकारी दी।
शिविर में बंगाणा विकास खंड के गांव सिहाणा निवासी एवं युवा किसान मनजीत ¨सह ने प्राकृतिक खेती को लेकर किसानों के साथ अपने अनुभव साझा किए। प्राकृतिक खेती के लाभ बताए। इस अवसर पर मीना कंवर, कुटलैहड़ भाजपा मंडल महामंत्री कैप्टन प्रीतम डढवाल, प्रदेश भाजपा कार्य समिति सदस्य विजय शर्मा, दीपक, उपनिदेशक कृषि ऊना डॉ. सुरेश कपूर, उप निदेशक उद्यान डॉ. सुधीर शर्मा, विषयवाद विशेषज्ञ कृषि डॉ. संतोष शर्मा, वरिष्ठ पशु चिकित्सा अधिकारी डॉ. स¨तद्र ठाकुर, डॉ. अभिनव सोनी सहित विभागीय अधिकारी एवं अन्य मौजूद रहे।