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कोरोना संकट में गरीबों के लिए मसीहा बने डाक कर्मी, देश ने लागू किया ऊना का एग्जिट प्लान; जानिए

हिमाचल प्रदेश डाक विभाग ऊना मंडल ने ऐसी मिसाल पेश की जिसे देश ने लागू किया।

By Rajesh SharmaEdited By: Published: Thu, 21 May 2020 01:35 PM (IST)Updated: Fri, 22 May 2020 02:56 PM (IST)
कोरोना संकट में गरीबों के लिए मसीहा बने डाक कर्मी, देश ने लागू किया ऊना का एग्जिट प्लान; जानिए
कोरोना संकट में गरीबों के लिए मसीहा बने डाक कर्मी, देश ने लागू किया ऊना का एग्जिट प्लान; जानिए

ऊना, राजेश शर्माहिमाचल प्रदेश डाक विभाग ऊना मंडल ने ऐसी मिसाल पेश की, जिसे देश ने लागू किया। डाक कर्मी कोरोना संकट और लॉकडाउन के बीच गरीब व बुजुर्ग लोगों तक मसीहा बनकर पहुंचे। ऐसे भी हालात बने कि कुछ इलाकों में पीपीई किट पहन कर लोगों तक पहुंचना पड़ा। ऊना डाक मंडल के अधीक्षक रामतीर्थ शर्मा के पेंशन वितरण एग्जिट प्लान को पूरे देश में लागू किया गया।

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संकट के दौर में डाक विभाग ऊना मंडल उन लोगों की सहायता के लिए मोर्चे पर डट गया, जिनका आय का एकमात्र साधन बुढ़ापा पेंशन था। पूरे देश में डाक विभाग के ऊना मंडल ने रिकाॅर्ड नौ दिन के समय में करीब चालीस हजार पेंशनधारकों को घरद्वार पेंशन उपलब्ध करवाई। खास बात तो यह है कि डाक महकमे द्वारा उन पेंशन धारकों को भी मोबाइल नेट बैंकिंग के माध्यम से पेंशन उपलब्ध करवाई, जिनके खाते दूसरे बैंकों में थे।

कैसे बनाई ऊना डाक मंडल अधीक्षक ने योजना

ऊना डाक मंडल के अधीक्षक रामतीर्थ शर्मा ने बताया बुढ़ापा पेंशन के करीब तीस हजार खाते उनके विभाग के पास थे। इन खातों में तीन महीने की पेंशन राशि अप्रैल के प्रथम सप्ताह में पहुंच गई और पूरे देश में लॉकडाउन के कारण इस पेंशन को प्राप्त करने का लोगों के पास कोई साधन नहीं था। ऐसे में उन्होंने एक प्रस्ताव बनाकर अपने उच्च अधिकारियों को सौंपा और खुद इस माेर्चे पर डट गए। महकमे से अनुमति लेने के बाद उन्होंने जिला प्रशासन से चार मोबाइल वैन और आठ डाक कर्मियों के ड्यूटी पास बनाकर संकट में लोगों को घरद्वार पर पेंशन का वितरण शुरू कर दिया। रिकाॅर्ड नौ दिनों में चालीस हजार लोगों को पेंशन पहुंचाई। ऊना मंडल के इस एग्जिट प्लान को मॉडल के तौर पर पूरे देश में लागू किया जा रहा है। केरल और उत्तर प्रदेश में भी यह क्रम शुरू किया गया है।

हॉटस्पॉट में पीपीई किट पहन पहुंचे कर्मी

लॉकडाउन में लोगों के लिए मसीहा बनकर उभरे ऊना मंडल डाक विभाग ने देश अपना नाम ऐसे स्वर्णिम अक्षरों में अंकित करा दिया है, जिसका जिक्र आने वाले वक्त में होता रहेगा। ऊना ने लॉकडाउन के बीच लोगों को पेंशन वितरण ऐसे क्षेत्रों में भी किया गया, जहां लोग हॉटस्पॉट क्षेत्र में घरों तक सीमित होकर रह गए थे। इस क्षेत्र में किसी को भी जाने की अनुमति नहीं थी। यह ऐसा माहौल था जब कोई भी ऐसे हॉटस्पाॅट में जाने के लिए तैयार नहीं था। उन्होंने ऐसे कठिन समय में अपने महकमे के डाक वितरण में लगे कर्मवीरों को प्रोत्साहित किया और बकायदा पीपीई किट के साथ डाक कर्मी सुरेश कुमार सबसे बड़े हॉटस्पॉट कुठेड़ा खैरला क्षेत्र में पेंशन वितरण के लिए पहुंच गए।

जब गर्वनर हाउस से आया फोन

रामतीर्थ शर्मा बताते हैं कि अप्रैल के प्रथम सप्ताह में ही पूरे जिले में पेंशन का वितरण हो चुका था। सभी लोगों के घरद्वार पर पेंशन पहुंचा दी गई थी तो एक रोज अचानक दफ्तर के फोन की घंटी बज उठी। फोन गर्वनर हाउस से था, मन अाशंकित हुआ कि जरूर कोई शिकायत हुई होगी। फोन पर गर्वनर हाउस से यह संदेश सुनकर डाक विभाग ऊना मंडल के अधीक्षक का चेहरा खिल उठा। गर्वनर द्वारा दैनिक जागरण में राज्य संपादक के प्रकाशित लेख का हवाला देकर डाक विभाग के ऊना मंडल की प्रशंसा की। बकायदा एक प्रशस्ति पत्र भी दिया गया और पीपीई किट पहनकर हॉट-स्पॉट क्षेत्र में पेंशन वितरण करने वाले कर्मचारी सुरेश कुमार को भी प्रशस्ति पत्र देने की बात कही।

राशन डिपो के पास की जाती है वितरण की व्यवस्था

डाक महकमे के ऊना मंडल की ओर से चार वैनों के माध्यम से जिले के गांव-गांव पहुंचकर लोगों को उस समय पेंशन पहुंचाई जब कई लोगों के पास राशन खरीदने के लिए पैसा तक नहीं बचा था। इन वैनों द्वारा पेंशन वितरण की जानकारी लोक संपर्क महकमे की ओर से एक रोज पहले उपलब्ध करवा दी जाती थी और संबंधित पंचायतों के प्रधानों को लोगों को समय पर शारीरिक दूरी के नियमों का पालन करवाते हुए निर्धारित स्थल पर खड़ा किया जाता था। गांव में उचित मूल्य की दुकान के समीप स्थान को चुना जाता था, जहां लोग पेंशन लेने के बाद राशन भी प्राप्त कर सकते थे। स्वयं रामतीर्थ शर्मा रोजाना इसकी मॉनीटरिंग करते हैं तथा एक वाटसएप ग्रुप में सर्वश्रेष्ठ कर्मवीरों को चुनकर उनका फोटो लगाकर प्रोत्साहित किया जाता है।  

एक दिन में दूसरे जिले में पहुंचाई जरूरी दवा

डाक विभाग के ऊना मंडल ने लॉकडाउन में ऐसी भी व्यवस्था बनाई, जिससे लोगों को दवा उनके घर समय रहते पहुंचाई जा सके। एक ऐसा भी मामला आया जब अति आवश्यक दवा के पैकेट के लिए विशेष गाड़ी भी चलाई गई और एक ही दिन में दूसरे जिले में पहुंचकर संबंधित व्यक्ति को वह दवा का पैकेट पहुंचाया गया। मानवीय संवेदनाओं का परिचय देते हुए डाक मंडल ऊना के अधीक्षक रामतीर्थ शर्मा ने अपने अधीनस्थ डाक घरों को आदेश जारी किए कि दवा के पैकेट पर अलग से निशान लगवाएं और उसमें मेडिसिन अंकित किया जाए। इस तरह से डाक विभाग ऊना मंडल अधीक्षक द्वारा लॉक डाउन में महकमे के लिए बनाए गए इस एग्जिट प्लान को पूरे देश में लागू किया जा रहा है।

गांव में पहुंचाई मोबाइल एटीएम और स्पीड पोस्ट व्यवस्था

लॉकडाउन में लोग घरों से बाहर नहीं निकल पा रहे थे, ऐसे में डाक विभाग ऊना मंडल के अधीक्षक रामतीर्थ द्वारा अपने सहयोगी कर्मचारियों के साथ बैठक करके एक प्लान तैयार किया गया। जिन लोगों के पैसे बैंक में थे, लेकिन एटीएम की गांवों में व्यवस्था नहीं थी तो उन्होंने मोबाइल वैन के साथ मोबाइल नेटबैंकिंग की व्यवस्था भी शुरू करवा दी। इसका लाभ करीब 1300 लोगों ने अप्रैल महीने में ही उठाया। उन्हें गांवों में पहुंचकर यह सुविधा उपलब्ध करवाई गई। डाक विभाग की विश्वसनीयता बढ़ाने के लिए अब ऑन डिमांड भी डाक विभाग के कर्मचारी लोगों काे घर द्वार पहुंचकर नेटबैंकिंग की सुविधा भी दे रहे हैं।


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