बंगाणा शहर से अवैध कब्जे नहीं हटाए तो आंदोलन
बंगाणा शहर में अवैध कब्जों पर गुस्साए लोगों ने राजस्व विभाग को कटघरे में खड़ा कर दिया है।
संवाद सूत्र, बंगाणा : बंगाणा शहर में अवैध कब्जों पर गुस्साए लोगों ने राजस्व विभाग को कटघरे में खड़ा कर दिया है। स्थानीय कुछ व्यापारियों समेत कई लोगों ने चेतावनी दी है कि अगर बंगाणा शहर में अवैध कब्जा करने वालों के नाम सार्वजनिक नहीं किए गए तो वे राजस्व विभाग के खिलाफ आंदोलन शुरू कर देंगे।
समाजसेवी एवं व्यापारी स्वर्ण सिंह, राजेश ठाकुर, सुनील ठाकुर, शशि राणा, अजय ठाकुर, अभय ठाकुर व राजन ने आरोप लगाया कि कुछ प्रभावशाली लोगों ने बंगाणा शहर में सरकार की भूमि पर अवैध कब्जे कर रखे हैं। इसकी शिकायत राजस्व विभाग से की थी। शनिवार को विभाग ने अवैध कब्जों को लेकर आनन-फानन में इस कस्बे की निशानदेही कर दी, लेकिन जिन लोगों ने कब्जे कर रखे हैं, उनकी दुकानों के समीप निशानदेही नहीं की गई। जिन लोगों ने बाजार की सरकारी भूमि पर अवैध कब्जे कर रखे हैं, वे कई साल से विभाग को गुमराह करते आ रहे हैं।
आरोप लगाया कि विभाग खानापूर्ति करने के लिए महज निशानदेही कराकर मामले को ठंडे बस्ते में डालता रहा है। विभाग से अपील की है कि बाजार के सभी अवैध कब्जों को जल्दी हटाया जाए।
-------------------
विभाग की कार्यप्रणाली पर सवाल
लोगों ने विभाग की कार्रवाई पर भी सवाल उठाना शुरू कर दिए हैं, क्योंकि विभाग अब तक लोगों को यह बताने में असमर्थ रहा है कि आखिर इस सरकारी जमीन पर अवैध कब्जे किन लोगों ने किए हैं। अगर अवैध कब्जे किए गए हैं तो उन्हें क्यों नहीं हटाया जा रहा है। लोगों का आरोप है कि जहां भी कुछ प्रभावशाली व्यक्तियों द्वारा कब्जे किए गए हैं वे सभी अवैध हैं और जबरन कब्जे किए हुए हैं। काफी समय पहले यह भूमि पूरी तरह से खाली थी और यहां सार्वजनिक शौचालय के अलावा कुछ सरकारी भवन बनाए जाने प्रस्तावित थे। धीरे-धीरे यहां पर कई लोगों के अवैध कब्जे कर लिए। अब तो वहां पर सरकारी भूमि बची ही नहीं है।
-----------------
कस्बे में शनिवार को ही निशानदेही की गई है। वर्तमान में जो स्थिति है उसके मुताबिक रिपोर्ट तैयार की जा रही है। इससे पहले भी यहां राजस्व दस्तावेजों में भूमि को लेकर विवाद हुआ है। पुराने रिकॉर्ड में भूमि की क्या स्थिति थी, इसकी समीक्षा करने के बाद ही संपूर्ण रिपोर्ट बनाई जा रही है। जल्दबाजी में किसी तरह की कार्रवाई नहीं की जा सकती है।
-शमशेर सिंह, तहसीलदार बंगाणा।