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विधिक सेवा प्राधिकरण ने सुलझाए 122 मामले

कोरोना संकट के बीच न्याय की प्रक्रिया निरंतर चलती रही।

By JagranEdited By: Published: Sun, 13 Jun 2021 07:50 PM (IST)Updated: Sun, 13 Jun 2021 07:50 PM (IST)
विधिक सेवा प्राधिकरण ने सुलझाए 122 मामले

संवाद सहयोगी, ऊना : कोरोना संकट के बीच न्याय की प्रक्रिया निरंतर चलती रही। जिला विधिक सेवा प्राधिकरण ऊना ने अब तक 122 मामलों का सफलतापूर्वक निपटारा किया है। समाज के कमजोर वर्गो को निश्शुल्क कानूनी परामर्श व सहायता प्रदान करने के लिए ऊना में प्री-लिटिगेशन हेल्प डेस्क की स्थापना 16 अक्टूबर, 2019 को हुई थी। इसके माध्यम से पारिवारिक झगड़े, घरेलू हिसा जैसे मामलों को कानूनी दायरे में रहकर मध्यस्थता से सुलझाया जाता है।

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क्या है डीएसएलए की प्रक्रिया

कम समय व बिना किसी खर्च में जिला विधिक सेवा प्राधिकरण (डीएसएलए) का एडीआर केंद्र मामलों का निपटारा करता है। मध्यस्थता में सबसे पहले सभी पक्षों को बुलाकर विवाद के हर पहलू को बारीकी के साथ समझा जाता है। फिर विवाद के बिदुओं को चिन्हित करने के बाद गलतफहमियों को दूर करने का प्रयास किया जाता है। इस पूरी प्रक्रिया को 60 दिन के भीतर पूरा करने का प्रयास किया जाता है। डीएसएलए में 13 वकील व एक जज प्रशिक्षित मध्यस्थ हैं, जो विवाद के सौहर्दपूर्ण निपटारे के लिए प्रयास करते हैं। जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव विवेक खनाल ने बताया कि कोरोना संकट के समय में भी दो नवंबर, 2020 से सात मई, 2021 तक प्रत्येक कार्य दिवस पर प्री-लिटिगेशन हेल्पडेस्क के वार्ता सत्र आयोजित हुए हैं। डीएलएसए के एडीआर सेंटर में 122 मामले सुलझाए गए हैं, जिनमें से 51 मामले कोर्ट जाने से पहले ही निपटा दिए गए। यह डीएसएलए की बड़ी उपलब्धि है।

वर्षो से लंबित मामले सुलझाए

-पंजाब के गढ़शंकर में विवाहिता एक महिला ससुराल में पारिवारिक समस्या के चलते मायके पालकवाह में आकर रहने लगी। दो साल बाद उसने वापस ससुराल जाने का फैसला किया और इसके लिए डीएसएलए के पास आकर गुहार लगाई। रानी ने कहा कि जो विवाद इतने साल से चल रहा था, वह सिर्फ तीन घंटे में सुलझ गया।

-जिला के देहलां गांव में गंदे पानी का विवाद भी डीएसएलए में सुलझा। गांव के इस झगड़े में प्राधिकरण ने पंचायत सहित सभी पक्षों को बुलाकर बात की। उसके बाद सभी पक्ष गंदे पानी की निकासी के लिए डेढ़ फीट की नाली बनाने को राजी हो गए। विवाद लगभग आठ साल से चल रहा था, जिसमें आठ मुकदमे लंबित थे।


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