शहीद करतार ¨सह सराभा को श्रद्धांजलि दी
शहीद भगत ¨सह क्लब अंबोटा ने क्रांतिकारी शहीद करतार ¨सह सराभा की पुण्यतिथि पर श्रद्धांजलि अर्पित की। इस मौके पर क्लब प्रधान जगजीत ¨सह ने बताया कि सरदार शहीद करतार ¨सह सराभा का जन्म 24 मई 1
संवाद सहयोगी, गगरेट : शहीद भगत ¨सह क्लब अंबोटा ने क्रांतिकारी शहीद करतार ¨सह सराभा की पुण्यतिथि पर श्रद्धांजलि अर्पित की। क्लब के प्रधान जगजीत ¨सह ने बताया कि सरदार शहीद करतार ¨सह सराभा का जन्म 24 मई, 1896 में पंजाब के लुधियाना के सराबा गांव में एक जाट सिख परिवार में हुआ था। भारत को अंग्रेजों के राज से मुक्त करने के लिए अमेरिका में बनी गदर पार्टी के वह अध्यक्ष थे। भारत में एक बड़ी क्रांति की योजना के सिलसिले में उन्हें अंग्रेजी सरकार ने कई अन्य लोगों के साथ फांसी दे दी। अनेक क्रांतिकारियों और स्वतंत्रता सेनानियों के लिए प्रेरणा बने करतार ¨सह को भगत ¨सह अपने गुरु की संज्ञा देते थे। करतार ¨सह ने अपने मामले की सुनवाई के दौरान सराभा ने अदालत में अपने अपराध को स्वीकार करते हुए कहा कि वह भारत में क्रांति लाने के समर्थक हैं और इस उद्देश्य की पूर्ति के लिए अमेरिका से यहां आए हैं और यदि उन्हें मृत्युदंड दिया जाएगा तो सौभाग्यशाली समझेंगे। क्योंकि पुनर्जन्म के सिद्धांत के अनुसार मेरा जन्म फिर से भारत में होगा और वह मातृभूमि की स्वतंत्रता के लिए काम कर सकेंगे। 16 नवंबर, 1915 को करतार ¨सह को फांसी दे दी गई। देशवासियों को उनकी कुर्बानी को हमेशा याद रखना चाहिए। इस अवसर पर सदस्य मनु ठाकुर, रिषि, अशोक, राजेश बैद, मनीष ठाकुर ,अजय ,अमित सूद, पटेल ¨सह, सर्वजीत, न¨रदर, पवन, ¨रकू, जग्गू ब शमी उपस्थित रहे।