विजिलेंस ने इस्पात कंपनी का रिकॉर्ड कब्जे में लिया
अम्ब क्षेत्र में करीब 50 करोड़ के लोन में धोखाधड़ी करने वाली इस्पात कंपनी का रिकॉर्ड विजिलेंस ने कब्जे में ले लिया है।
जागरण संवाददाता, ऊना : अम्ब क्षेत्र में करीब 50 करोड़ के लोन में धोखाधड़ी करने वाली इस्पात कंपनी का रिकॉर्ड विजिलेंस ने कब्जे में ले लिया है। इस कंपनी द्वारा स्टील तैयार किया जाता था और उसे किसी कंपनी के माध्यम से प्रमुख शहरों में बेचा जाता था। यह स्टील कंपनी बिजली बोर्ड की भी कर्जदार है। वर्तमान में कंपनी में उत्पादन भी बंद हो चुका है। उधर गिरफ्तारी से बचने के लिए कंपनी के प्रबंधकों ने उच्च न्यायालय में अग्रिम जमानत के लिए अर्ती दी है जो विचाराधीन है।
----------
यह है मामला
अम्ब उपमंडल मुख्यालय में एक स्टील उत्पाद प्लांट संचालन के लिए किसी कंपनी द्वारा कांगड़ा केंद्रीय सहकारी बैंक से करीब 15 करोड़ का ऋण लिया था। इसके बाद कंपनी प्रबंधन ने प्लांट की मौजूदा संपत्ति के आधार पर इस ऋण की सीमा 25 करोड़ करने की सिफारिश की। इसे भी बैंक ने मंजूर कर लिया था। कंपनी के प्रबंधकों ने इस ऋण राशि को फिर से बढ़ाए जाने और उसमें मशीनरी लगाने के नाम से बिल भी बैंक के सामने प्रस्तुत कर दिए। इस आधार पर बैंक प्रबंधन ने भी कंपनी प्रबंधन को 10 करोड़ की मंजूरी प्रदान कर दी थी। यह राशि जो करीब 50 करोड़ तक पहुंच चुकी है, इसकी वसूली के लिए बैंक प्रबंधन ने कई बार कंपनी प्रबंधन को लिखा लेकिन कंपनी प्रबंधन की ओर से कोई सहयोग नहीं किया गया। इस बीच वर्ष 2016 में यह ऋण कालातीत हो गया।
----------------
कंपनी प्रबंधन ने की थी जालसाजी
कंपनी प्रबंधन की ओर से इस इस्पात प्लांट जो अम्ब से मुबारिकपुर रोड के बीच लगाया गया है, के एक्सटेंशन के लिए जो मशीनरी बढ़ाए जाने के बिल लगाए गए थे, उनके आधार पर ही 10 करोड़ की ऋण सीमा बढ़ा ली। इन दस्तावेजों की जब पड़ताल की गई तो ये झूठे पाए गए। इस मामले को एक सियासी दल द्वारा मुद्दा भी बनाया गया था। इसकी शिकायत सरकार से की गई थी। इस मामले में सरकार की ओर से विजिलेंस से जांच के लिए भेजा गया। विजिलेंस ने मामले की छानबीन शुरू कर दी।
-----------
यह हुई कार्रवाई
विजिलेंस ने इस मामले में जांच की फाइल को खोल दिया है। जांच खुलते ही कंपनी प्रबंधक गिरफ्तारी से बचने के लिए अग्रिम जमानत लेने शिमला उच्च न्यायालय पहुंच गए। बताया जा रहा है कि उच्च न्यायालय ने इस मामले में कंपनी के प्रबंधकों को अंतरिम राहत दी है और उनकी जमानत याचिका पर फैसला सुरक्षित रखा है। इस बीच उच्च न्यायालय विजिलेंस का पक्ष भी सुनेगा।
-------------
विजिलेंस ने इस मामले की प्राथमिकी दर्ज होते ही जांच शुरू कर दी थी। इस मामले में संबंधित इस्पात कंपनी के कार्यालय से रिकार्ड को कब्जे में लिया गया है। इस रिकार्ड की छानबीन की जा रही है। इस मामले में कंपनी से जुड़े कुछ प्रमुख लोगों से पूछताछ भी होनी है।
सागर चंद्र, एएसपी विजिलेंस ।