सचिव के साथ सभा सदस्यों पर भी गिरेगी गाज
दियोली सहकारी सभा के 11 करोड़ 70 लाख के घोटाले में धीरे-धीरे कड़ियां जुड़नी शुरू हो गई हैं।
संवाद सहयोगी, गगरेट : दियोली सहकारी सभा के 11 करोड़ 70 लाख के घोटाले में धीरे-धीरे कड़ियां जुड़नी शुरू हो गई हैं। विभाग के अनुसार सभा सचिव फिक्स्ड डिपॉजिट में हेराफेरी करता था। धारक को अपनी तरफ से पत्र दे देता था और समय-समय पर रिन्यू भी कर देता था। लेकिन सहकारी सभा के रिकॉर्ड में किसी भी तरह की एंट्री नहीं डालता था। सचिव की कार्यप्रणाली को नियंत्रित करने के लिए सहकारी सभा के सदस्य होते हैं, जिनका विभाग के अनुसार 90 प्रतिशत दायित्व है सहकारी पैसे के आदान प्रदान पर। सचिव के साथ-साथ पैसे के गबन के लिए सभा सदस्य भी दोषी पाए जाएंगे तो उनकी प्रॉपर्टी सीज करके अमानत धारकों को उनकी पूंजी लौटाई जाएगी। विभाग द्वारा फिलहाल बीते दो वर्षो की ऑडिट रिपोर्ट के आधार पर यह कारवाई अमल में लाई गई है। लेकिन विभागीय अधिकारी इतने बड़े गबन पर विभाग की कोई गलती नहीं मान रहे हैं और स्टाफ की कमी का रोना रो रहे हैं। विभाग के अनुसार मात्र सभा सचिव और सभा के सदस्य ही इस गबन के दोषी हैं। जबकि सहकारी सभा इंस्पेक्टर, निरीक्षक का किसी भी तरह का कोई दोष नहीं है और कानूनन कारवाई भी उन्हीं पर की जाएगी।
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फिलहाल जांच बैठा दी गई है जो दो महीने में अपनी जांच सौंप देगी। इसमें सचिव के अलावा सभा के सदस्य पर भी कानूनी कार्रवाई अमल में लाई जाएगी ।
-सुरेंद्र वर्मा, सहकारी सभा अतिरिक्त निरीक्षक ऊना।