कोरोना ने निगल नी फूलों की सुगंध
कोरोना के कारण लोगों की आर्थिक गतिविधियां बहुत बुरी तरह से प्रभावित हुई हैं।
रणवीर ठाकुर, हमीरपुर
कोरोना के कारण लोगों की आर्थिक गतिविधियां बहुत बुरी तरह से प्रभावित हुई हैं। काम-धंधे ठप होने से लाखों रुपये का नुकसान हुआ है। बड़सर उपमंडल के किसान पवन कुमार ने करीब तीन करोड़ रुपये से उद्यान विभाग की मदद से फूलों की खेती का व्यवसाय शुरू किया था। लेकिन कोरोना के कारण उसे लाखों रुपये का नुकसान उठाना पड़ा। पवन ने दावा किया कि कोरोना महामारी के बीच फूलों के खरीदार न मिलने से करीब 80 लाख रुपये के फूल फेंकने पड़े।
उन्होंने 2013 में 12 हजार स्क्वेयर मीटर में पॉलीहाउस लगाए। हर साल फूलों से आठ से 10 लाख रुपये की आमदनी होती थी। करीब 35 मजदूर भी रखे हैं। पवन कुमार ने बताया फूलों की सप्लाई दिल्ली, चंडीगढ़, हरियाणा और हिमाचल में होती है लेकिन इस बार कोरोना महामारी और लॉकडाउन के चलते फसल नहीं बिक पाई। फूल पॉलीहाउस में ही सूख गए जिन्हें फेंकना पड़ा। परिवार का पालन पोषण करने के लिए मजबूरन सब्जियां बेचने का काम शुरू करना पड़ा। पवन कुमार ने जयराम सरकार से मदद की गुहार लगाई।
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बागवान को कोरोना के दौरान नुकसान उठाना पड़ा हैं । विभाग की ओर से नुकसान का जायजा लेकर इसकी रिपोर्ट तैयार करके सरकार को मुआवजे के लिए भेज दी हैं ताकि पवन कुमार की आर्थिक मदद की जा सके। इनका मानना है कि उद्यान विभाग किसान के खेती का बीमा नहीं करता है
लेकिन नुकसान की भरपाई के लिए विभाग सरकार के सहयोग ही आर्थिक मदद करता हैं।
सुरेश शर्मा, उपनिदेशक, उद्यान विभाग हमीरपुर।