Move to Jagran APP

महंगी हुई तूड़ी, पशु रखना हुआ मुश्किल

तपूर्णी क्षेत्र में 45 रुपये लीटर दूध बिकने के बाद भी पशुपालकों के चेहरे पर रौनक नहीं है।

By JagranEdited By: Published: Mon, 14 Oct 2019 06:05 PM (IST)Updated: Tue, 15 Oct 2019 06:17 AM (IST)
महंगी हुई तूड़ी, पशु रखना हुआ मुश्किल

संवाद सहयोगी, चितपूर्णी : चितपूर्णी क्षेत्र में 45 रुपये लीटर दूध बिकने के बाद भी पशुपालकों के चेहरे पर रौनक नहीं है। कारण यह है कि तूड़ी और पशु आहार इतने मंहगे हो गए हैं कि किसानों को अब पशु रखना बेहद मुश्किल होता जा रहा है। खल, फीड, तारामीरा और बड़ेवे के दामों में तो कुछ समय से उछाल आया है, वहीं तूड़ी की कीमतें पहले से कहीं अधिक बढ़ गई हैं।

loksabha election banner

खरीद कर लेनी पड़ती है तूड़ी : धार क्षेत्र में बेसहारा पशुओं और बंदरों के आतंक के कारण गेहूं की फसल न के बराबर होती है। चितपूर्णी के धार क्षेत्र में किसानों को तूड़ी खरीद कर ही लेनी पड़ती है, क्योंकि यहां पर लगभग छोटे किसान ही हैं और सिचाई के बिना अच्छी पैदावार नहीं होती है। इस बार मक्की की फसल भी न के बराबर रहने से तूड़ी के दामों में इजाफा हो गया है। चितपूर्णी क्षेत्र में तूड़ी के दाम छह सौ रुपये प्रति क्विंटल तक पहुंच गए हैं। घर तक तूड़ी पहुंचाने के लिए परिवहन का अतिरिक्त खर्च करना पड़ता है।

-----------

खल की 49 किलोग्राम की बोरी 2100 रुपये में

किसान बड़ेवे की खल अपने पशुओं को देते हैं। पिछले वर्ष इन्हीं दिनों 1400 रुपये में बिकने वाली 49 किलोग्राम की बोरी के दाम इस बार 2100 रुपये तक पहुंच गए हैं। इतना ही नहीं बेड़ेवे के भाव 55 रुपये प्रति किलोग्राम हैं तो फीड भी 18 रुपये से ऊपर बिक रही है। इस तरह तारामीरा (साबुत व पिसा हुआ) के रेट भी 60 के पार पहुंच गए हैं।

--------------

सरकार को उपलब्ध करवानी चाहिए तूड़ी

स्थानीय किसान संजीव कुमार, बंटू पाधा, वेदप्रकाश, ओमदत्त, रामनाथ और महेश कुमार ने कहा कि कुछ वर्ष पूर्व प्रदेश सरकार किसानों को सबसिडी पर तूड़ी उपलब्ध करवाती थी। अब सरकार को इस योजना को दोबारा लागू करना चाहिए।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.