खेत नहीं खड्ड में जा रहा उठाऊ सिंचाई परियोजना का पानी
क्षेत्र के किसानों को फसलों की सिंचाई के लिए बारिश का इंतजार करना पड़ रहा है।
संवाद सहयोगी, मैहतपुर : क्षेत्र के किसानों को फसलों की सिंचाई के लिए बारिश का इंतजार करना पड़ रहा है। वर्ष 1977 में शुरू की गई भिबोर साहिब उठाऊ ¨सचाई परियोजना का लाभ कई किसानों को आज भी नहीं मिल पा रहा है। 52 गावों के लिए बनाई गई सिंचाई परियोजना का लाभ महज साथ लगते गांवों तक ही सिमट गया है। बाकी गांवों को पाइपलाइनों में हो रही लीकेज के कारण ¨सचाई सुविधा से वंचित होना पड़ रहा है। इस परियोजना का पानी खड्ड में व्यर्थ बह रहा है।
जनमंच में उठाया था मुद्दा : किसानों ने इस मुद्दे को 11 नवंबर को देहलां में हुए जनमंच में भी उठाया था। सुभाष चंद ने सिंचाई सुविधा उपलब्ध करवाने की गुहार लगाई थी। उस समय ¨सचाई मंत्री ने समस्या के जल्द समाधान का भरोसा दिया था लेकिन अधिकारियों ने आज दिन तक इस मामले में कोई कार्रवाई नहीं की।
जखेड़ा नाले में सिर्फ एक पंप : किसान जगत राम, विजय कुमार, अशोक कुमार, कुलवंत ¨सह, अमरीक ¨सह, रामदास तथा बिशन ¨सह ने बताया ¨सचाई परियोजना भिबोर साहिब प्रथम चरण के जखेड़ा के पंप नंबर-3 से ओवरफ्लो होकर पानी होली खड्ड से बहकर स्वां नदी में मिलकर व्यर्थ बह रहा है। विभाग ने जखेड़ा नाले में पानी के लिए एक पंप लगा रखा है जो नाकाफी सिद्ध हो रहा है। काफी अधिक मात्रा में आगे जा रहे पानी को रोकने के लिए कोई प्रबंध नहीं किया गया है।
ऐसे हो सकता है समाधान : यदि होली खड्ड में जगह-जगह पंप लगाकर हर रोज हजारों लीटर व्यर्थ बह रहे पानी को ¨सचाई के लिए प्रयोग किया जाए तो इससे देहलां महंता, देहलां ऐरिया, रायपुर सहोड़ा तथा चड़तगढ़ की लगभग 300 हेक्टेयर जमीन की सिंचाई आसानी से हो सकती है। किसानों ने विभाग से मांग की है कि या तो ओवरफ्लो हो रहे पानी को बंद करवाया जाए या जगह-जगह पंपों द्वारा होली खड्ड में व्यर्थ बह रहे पानी से सिंचाई सुविधा उपलब्ध करवाई जाए। इस बारे में ऊना डिवीजन नंबर-एक के एक्सईएन नरेश धीमान ने कहा सिंचाई के पानी का उपयुक्त प्रयोग करवाया जाएगा।