भड़के खाताधारकों की सड़क पर उतरने की धमकी
ईसपुर की सहकारी सभा के कथित लोन आवंटन में अनियमितताओं के खि
संवाद सहयोगी, हरोली : ईसपुर की सहकारी सभा के कथित लोन आवंटन में अनियमितताओं के खिलाफ ग्रामीणों ने आंदोलन तेज करने की धमकी दी है। उन्होंने साफ कहा है कि विभाग और प्रशासन का अभी तक कोई सकारात्मक रवैया नहीं रहा है। ऐसे में अब खाताधारकों का मनोबल टूट चुका है और उनके पास परिवारों को साथ लेकर सड़क पर उतरकर प्रदर्शन करने के अलावा कोई चारा नहीं बचा है।
खाताधारकों की रविवार को गांव में ही हंगामापूर्ण बैठक हुई, जिसमें भारी संख्या में लोग शामिल हुए। इस अवसर पर सभी ने कहा कि वह लंबे समय से अपनी जमापूंजी वापस पाने के लिए सहकारी सभा कार्यालय का बार-बार चक्कर लगा कर थक चुके है। लेकिन अभी तक उन्हें एक भी रुपया नसीब नहीं हुआ है, जिससे उनका मानसिक संतुलन तक बिगड़ रहा है। खाताधारकों ने कहा कि वह डीसी ऊना से लेकर पंजीयक अधिकारी के दफ्तर तक के चक्कर लगा चुके हैं, लेकिन सिवाय आश्वासनों के उन्हें कुछ नहीं मिला। खाताधारकों ने कहा कि जिस तरह लाखों-करोड़ों रुपये के कर्ज नियमों को ताक पर रखकर दिए गए हैं, उस पर अभी तक विभाग ने कोई कार्रवाई नहीं की है।
सूरज पाठक बने संघर्ष कमेटी के प्रधान
बैठक के दौरान सभी ने सर्वसम्मति से संघर्ष कमेटी बनाने पर सहमति जताई। इस अवसर पर विजय शर्मा ने सूरज पाठक के नाम का अनुमोदन किया, वही नरेंद्र पाठक ने उस पर सहमति जताई। सभा में मौजूद सदस्यों ने एकजुट होकर सूरज पाठक को संघर्ष कमेटी के बतौर प्रधान की जिम्मेदारी दे दी। इस अवसर पर प्रधान बने सूरज पाठक ने अपने संबोधन में खाताधारकों को कहा कि वह सभी की मांग को लेकर पहले भी सरकारी महकमों के आला अधिकारियों साथ बैठकें कर चुके हैं। अब इस संघर्ष को ज्यादा गति दी जाएगी ताकि जल्द से जल्द खाताधारकों को उनकी जमापूंजी मिल सके। उन्होंने कहा कि बार-बार सरकारी दफ्तरों के चक्कर लगाने के बाद भी अगर उनके हाथ कुछ नहीं लगा तो वह सड़क पर धरने तक देने को मजबूर हो जाएंगे। इसके लिए वह ज्यादा दिनों तक इंतजार नहीं करेंगे। मौके पर मौजूद कई वार्ड सदस्यों ने कहा कि गांव में लगने वाले किसी भी उद्योग को जो एनओसी दी गई है, उसके बारे में उन्हें कोई जानकारी तक नहीं है। उन्होंने जो अपने साइन किए थे, वह मात्र ईसपुर ट्रक यूनियन को जमीन लीज पर देने के लिए प्रस्ताव के लिए किए थे। उन्हें उद्योग को एनओसी देने बारे कुछ नहीं पता। इसके लिए वह जिला के उच्चाधिकारियों से मिलेंगे।