14 साल से बिस्तर पर बाल खान
राकेश राणा बंगाणा बीमारी ने जकड़ा तो अपनों ने भी सहारा छोड़ दिया। जी हां बात हो रही है बं
राकेश राणा, बंगाणा
बीमारी ने जकड़ा तो अपनों ने भी सहारा छोड़ दिया। जी हां बात हो रही है बंगाणा की दुर्गम थहड़ा पंचायत के गांव घरवासड़ा में रहने वाले बाल खान पुत्र मौला बख्श की। लकवे के कारण बाल खान पिछले 14 साल से बिस्तर पर है। हद तो तब हो गई जब बीमारी ने जकड़ा को बड़े बेटे ने भी साथ छोड़ दिया और खुद को पिता से अलग कर लिया। जिंदगी की गाड़ी छोटे बेटे के सहारे चल रही है। मात्र 14 साल की उम्र में पढ़ाई छोड़ छोटा बेटा परिवार की जिम्मेदारियों के बोझ को ढो रहा है। बहरहाल, बाल खान ने दानी लोगों से मदद की गुहार लगाई है। लकवे के कारण चलने फिरने में असमर्थ बाल खान की दवा का खर्च भी अब बड़ी मुश्किल से पूरा हो पा रहा है। एक बेटे के सहारे पूरे परिवार की जिम्मेदारी है। हालांकि आइआरडीपी में परिवार होने के बावजूद उन्हें सामाजिक पेंशन नहीं लग पाई है। सिर ढकने लायक जगह तो है, लेकिन यह परिवार अभी तक शौचालय की सुविधा से वंचित है।
बिड़ंबना यह है कि जो सरकार एवं प्रशासन बाल खान को मदद पहुंचा सकता था, उसके सिस्टम को खुद लकवा मार गया है। यही कारण है कि पात्र होने के बावजूद भी सारी मदद इस परिवार से दूर है। बाल खान की पत्नी शमी बीबी का कहना है कि गरीबी की बेड़ियां किसी को भी पसंद नहीं, लेकिन पात्र होने के बावजूद घर में न तो शौचालय, न ही पेंशन की सुविधा मिल पाई है।
पेंशन के फार्म जमा करवाए
थहड़ा पंचायत प्रधान राकेश बंगा ने बताया कि बाल खान का परिवार आइआरडीपी के अंतर्गत आता है। शौचालय की सुविधा के लिए इनके कागजात तैयार करवाए गए हैं। जैसे ही फंड का प्रावधान होगा, शौचालय निर्माण कराया जाएगा। बाल खान की पेंशन के फार्म जिला कल्याण विभाग के पास जमा करवा दिए गए हैं। पात्र परिवार के लिए पंचायत की तरफ से हर संभव सहायता की जाएगी।
हरसंभव सहायता उपलब्ध करवाएंगे
बीडीओ बंगाणा यशपाल सिंह परमार ने बताया कि मामला ध्यान में आया है। पात्र परिवार को प्रशासन की ओर से हरसंभव सहायता मुहैया करवाई जाएगी।