71 दिन बाद रफ्तार पकड़ेंगे बसों के पहिये
ऊना जिला में पहली जून से बसें चलेंगी।
सुरेश बसन, ऊना
जिला ऊना में हिमाचल पथ परिवहन निगम (एचआरटीसी) व निजी बसों के पहिये पहली जून से फिर रफ्तार पकड़ेंगे। कोरोना महामारी के बीच करीब 71 दिन पूर्व जिला में निजी व एचआरटीसी की 400 से ज्यादा बसों के पहिये थम गए थे। एचआरटीसी की 38 बसें सोमवार से ऊना जिला सहित कांगड़ा व हमीरपुर तक यात्रियों को छोड़ेंगी।
एचआरटीसी के ऊना डिपो की ओर से दो बसें कांगड़ा तथा एक बस हमीरपुर जिला के लिए चलाई जाएगी। अन्य 35 बसें ऊना जिला के भीतर चलाई जाएंगी। निजी बस ऑपरेटर बसों को 300 रूट पर ऊना जिला व प्रदेश के भीतर चलाने के लिए तैयार हैं लेकिन उनके चालक व परिचालक कोरोना महामारी के बीच अपनी जान को जोखिम में डालना नहीं चाहते हैं। कुछ चालकों व परिचालकों ने बसें चलाने से हाथ पीछे भी खींचे हैं। निजी बस चालकों व परिचालकों की मांग है कि उन्हें भी 50 लाख रुपये का बीमा कवर दिया जाए। अधिकांश ऑपरेटर खर्च के लिए हाथ तंग बता रहे हैं। उन्होंने सरकार से अनुदान राशि की मांग की है। बसें सुबह सात बजे से शाम सात बजे तक चलेंगी। बसों में 60 फीसद यात्रियों को बैठाया जाएगा। सभी यात्रियों को मास्क पहनाना अनिवार्य होगा। चालक व परिचालक को कोरोना से बचाव के लिए फेस शील्ड, दस्ताने, मास्क, हैंड सैनिटाइजर तमाम सुरक्षा कवच दिए गए हैं।
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बीमा कवर मांग रहे चालक व परिचालक
ऊना जिला में करीब 300 निजी बसें हैं। निजी बस ऑपरेटरों का स्टाफ कोरोना महामारी के बीच बसें चलाने से हाथ पीछे खींच रहा है। इसका कारण यह है कि अधिकतर लोग घरों से बाहर नहीं निकलेंगे जिससे सवारियां पर्याप्त नहीं होंगी। चालकों व परिचालकों ने कहा है कि सरकार उन्हें भी बीमा कवर दे। सरकार को बस ऑपरेटरों के लिए अनुदान का प्रावधान भी करना चाहिए था।
-राजेश पराशर, अध्यक्ष, हिमाचल प्रदेश निजी बस ऑपरेर्ट्स एसोसिएशन।
----------- एचआरटीसी ऊना डिपो के बेड़े में 112 बसें हैं और करीब इतने ही जिला में रूट भी हैं। प्रारंभिक चरण में ऊना जिला में एचआरटसी की 38 बसों को 112 रूटों पर चलाया जाएगा।
-जगरनाथ, आरएम, ऊना।