भगवान श्रीकृष्ण की लीलाओं का गुणगान किया
जिला के शिव मंदिर त्यूडी में श्रीमद् भागवत कथा के चौथे दिन कथा बाचक आचार्य तरूण डोगरा ने कहा कि जब कंस ने पाप कर भक्तों को तंग करना शुरू किया तो उस समय विष्णु भगवान है कृष्ण के रूप में देवकी के आठवें पुत्र के रूप में जन्म लिया इससे पहले राजा कंस ने देवकी के छह पुत्रों का वध कर दिया और सातवें में पुत्र को रोहणी माता के पैदा हुई। जब भगवान श्री कृष्ण का जन्म हुआ तो उस समय राजा कंस की कारागार के दरवाजे अपने आप ही खुल गए । जितने भी पहरेदार थे वह गहरी नींद में सो गए और उनको पता नहीं चला कि इस संसार के पालनकर्ता श्री कृष्ण ने जन्म ले लिया है तो
संवाद सहयोगी, ऊना : शिव मंदिर त्यूड़ी में श्रीमद्भागवत कथा के चौथे दिन कथावाचक आचार्य तरुण डोगरा ने भगवान श्रीकृष्ण की लीलाओं का गुणगान किया। उन्होंने कहा कि जब कंस के अत्याचार बढ़ गए तो भगवान श्रीकृष्ण ने देवकी के आठवें पुत्र के रूप में जन्म लिया। जब भगवान श्री कृष्ण का जन्म हुआ तो उस समय राजा कंस की कारागार के दरवाजे अपने आप ही खुल गए। जितने भी पहरेदार थे, वे गहरी नींद में सो गए। वासुदेव श्रीकृष्ण को नंद बाबा के घर में छोड़ दिया। उसके बाद रोहणी के घर में कन्या ने जन्म लिया। उसको लेकर वासुदेव वापस कंस के कारागार में आ गए। सुबह राजा कंस को पता चला देवकी ने कन्या को जन्म दिया है। देवकी कन्या को कंस के सुपुर्द कर दिया। इसके बाद जब कंस उसको मारने लगा तो वह उसके हाथों से छूटकर आसमान के ऊपर चली गई और आकाशवाणी की कि कंस तेरा वध करने वाला इस धरती पर जन्म ले चुका है।