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प्लास्टिक कचरे के निस्तारीकरण की योजना नहीं चढ़ी सिरे

जिला में प्लासटिक के कूड़े के निस्तारीकरण को लेकर शहरी स्तर पर काफी प्रयास किए जा रहे है। प्लेकिन अभी तक यह योजना पूरी तरह से सिरे नहीं चढ़ पाई है। महज संतोषगढ़ नगर में ही ट्रीटमेंट प्लांट बन पाया है। जबकि अन्य कई जगहों पर विवादों के चलते काम धीमी गति से चला हुआ है। बेशक प्लासटिक के कूड़े को अलग से एकटठा करने के लिए विशेष मुहिम शुरु की गई है। इसमें मुख्य रुप से प्लासटिक के लिफाफों बोतलों व अन्य

By JagranEdited By: Published: Thu, 11 Jul 2019 06:59 PM (IST)Updated: Thu, 11 Jul 2019 06:59 PM (IST)
प्लास्टिक कचरे के निस्तारीकरण की योजना नहीं चढ़ी सिरे
प्लास्टिक कचरे के निस्तारीकरण की योजना नहीं चढ़ी सिरे

सतीश चंदन, ऊना

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जिला ऊना में प्लास्टिक कचरे के निस्तारीकरण के लिए शहरी स्तर पर काफी प्रयास किए जा रहे हैं, लेकिन अभी तक योजना सिरे नहीं चढ़ पाई है। महज संतोषगढ़ नगर में ही ट्रीटमेंट प्लांट बन पाया है। जबकि अन्य जगहों पर विवादों के कारण काम धीमी गति से चला हुआ है। बेशक प्लास्टिक कचरे को अलग से एकत्रित करने के लिए विशेष मुहिम शुरू की गई है। मुख्य रूप से लिफाफों, बोतलों व अन्य प्लास्टिक उत्पाद को अलग से एकत्रित किया जा रहा है। हालांकि पहले थोड़ी दिक्कत का सामना जरूर करना पड़ा था। लेकिन अब नगर परिषद व नगर पंचायत क्षेत्रों में लोग जागरूक हो रहे हैं। प्लास्टिक कचरे को खुले में फेंकने की बजाया कूड़ेदान में डाल रहे हैं जहां से नगर निकायों के कर्मचारी उठा रहे हैं।

अब प्लास्टिक कचरे को बरमाणा की एसीसी कंपनी में भेजा जाएगा। इसके लिए बकायदा नगर परिषदों व नगर पंचायतों का कंपनी का एमओयू भी साइन हुआ है। जल्द नगर परिषदों व नगर पंचायतों का सूखा कचरा बरमाणा भेजा जाएगा। यह सूखा कचरा कंपनी में हीट के लिए इस्तेमाल किया जाएगा। जबकि गीला कचरे से केंचुआ खाद तैयार की जाएगी। इससे किसानों को लाभ मिलेगा। गीले कूडे़ से तैयार केंचुआ खाद को बाजार में भी बेचा जाएगा, जिससे नगर परिषद व नगर पंचातयों को अतिरिक्त राजस्व प्राप्त होगा। केंचुआ खाद के दो व पांच किलोग्राम के पैकेट बनाकर बेचे जाएंगे। दौलतपुर चौक में वार्ड स्तर पर कूड़ा उठाया जाता है।

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प्रतिदिन कितना निकलता है कचरा

-4.5 टन कूड़ा प्रतिदिन नगर परिषद ऊना से उठता है।

-04 चार टन नगर परिषद संतोषगढ़ व मैहतपुर से निकलता है।

-15 क्विंटल कूड़ा टाहलीवाल में उठाया जाता है।

-20 क्विंटल गगरेट में होता है एकत्रित

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कहां पर बने ट्रीटमेंट प्लांट

सिर्फ नगर परिषद संतोषगढ़ में ट्रीटमेंट प्लांट बना है। संतोषगढ़ एकमात्र ऐसा शहर है। जहां गीले कूड़े से केंचुआ खाद तैयार करने के लिए प्लांट लगाया गया है। रोजाना गीला कूड़ा एकत्रित करके प्लांट में पहुंचाया जाता है। जबकि ऊना के मलाहत में बनाया गया ट्रीटमेंट प्लांट जमीन विवाद के चलते सिरे नहीं चढ़ पाया है। दौलतपुर चौक नंगर पंचायत में गीला व सूख कचरा उठाने के लिए अलग-अलग कंपोस्टिग पिट बनाए गए हैं। गगरेट नगर पंचायत में जमीन विवाद होने के चलते ट्रीटमेंट प्लांट नहीं चला है। टाहलीवाल नगर पंचायत में भी यही सूरत-ए-हाल है। यहां गीला व सूखा कूड़ा अलग-अलग नहीं उठाया जाता है।

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कूड़े को उठाने के लिए एसीसी कंपनी से एमओयू हुआ है। सूखा कचरा ट्रकों में बरमाणा भेजा जाएगा जबकि गीले कचरे की खाद तैयार की जाएगी। गगरेट, दौलतपुर चौक व टाहलीवाल से कूड़ा उठाने के लिए एसीसी कंपनी से जल्द एमओयू होगा।

-संजय कुमार, कार्यकारी अधिकारी, नगर परिषद, संतोषगढ़।

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ऊना शहर को स्वच्छ बनाने के प्रयास किए जा रहे है। प्रतिदिन कचरा उठाया जाता है, जो एजेंसी कूड़ा उठाने के कार्य में जुटी हुई है, वह लोगों को गीले और सूखे कचरे को अलग-अलग देने की हिदायत दे रही है। ऊना के ट्रीटमेंट प्लांट की दिक्कत को जल्द पूरा करके सुचारू कर दिया जाएगा।

-बाबा अमरजोत सिंह बेदी, चेयरमैन, नगर परिषद, ऊना।


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