सभी रसों में श्रेष्ठ है गाय का दूध : सौम्या
थानीय गोशाला में तीन दिन चली गो कथा का समापन रविवार रात हो गया।
संवाद सहयोगी, संतोषगढ़ : स्थानीय गोशाला में तीन दिन चली गो कथा का समापन रविवार रात हो गया। कथा को विराम देने से पूर्व दिव्य ज्योति जागृति संस्थान से आशुतोष महाराज की शिष्या सौम्या भारती ने श्रद्धालुओं का मार्गदर्शन किया। कहा गाय माता की सेवा का माहात्म्य सर्वश्रेष्ठ व सर्वोपरि है। गाय हमारी संस्कृति में पूज्यनीय है। गाय माता का जीवन महान है क्योंकि एक गाय 20 हजार लोगों को जीवन दे सकती है। इस का रोम-रोम मानवता को समर्पित है। दूध अमृत तुल्य है, गाय का दूध स्वास्थ्य के लिए सर्वोत्तम है। बच्चों, महिलाओं सहित सभी के लिए गो दूध अमृत है। इस बात को हमारे वैज्ञानिक भी सिद्ध कर चुके हैं। गाय के दूध में आठ तरह के प्रोटीन, छह प्रकार के विटामिन, 25 प्रकार के खनिज तत्व, 16 प्रकार की नाइट्रोजन होती है। गाय के दूध से बने सभी पदार्थ हमारे लिए लाभकारी हैं। कार्यक्रम के अंतिम दिन गो रक्षिणी सभा के पदाधिकारियों ने यहां वार्षिक आय-व्यय का ब्योरा दिया, वहीं साध्वी बहनों को भी सम्मानित किया। कथा के समापन के बाद सभी ने भंडारे में प्रसाद ग्रहण किया। इस मौके पर गो रक्षिणी सभा के अध्यक्ष हरिकृष्ण पटियाल, प्रधान शिव किशोर वासुदेवा, संरक्षक सुनंदन कुमार, महासचिव पंडित प्यारे लाल शास्त्री, सचिव शिव कुमार शर्मा, वरिष्ठ उपप्रधान दिलबाग सैनी, उपप्रधान नरेंद्र सैनी, कोषाध्यक्ष छोटू राम सैनी, लेखाकार चरण दास महाजन, नगेश चब्बा, महेश कुमार, मास्टर रमेश चब्बा, हरीश अग्निहोत्री, सुमित कौशल, रोहित शर्मा, नरेश पुरी, सुभाष चंद, शशि दत्त, नरोत्तम सुखसाल व नीलकंठ शारदा, अश्वनी गौतम मौजूद रहे।