इंश्योरेंस के लिए साल से काटने पड़ रहे चक्कर
संवाद सहयोगी, बद्दी : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की आम आदमी के लिए शुरू की गई प्रधानमंत्री जी
संवाद सहयोगी, बद्दी : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की आम आदमी के लिए शुरू की गई प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना व प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना सवालों के घेरे में आ गई है। बैंकों की मनमर्जी व गैर-जिम्मेदार रवैये के कारण पीड़ित परिवार को इंश्योरेंस होने के बावजूद इसका क्लेम नहीं दिया जा रहा है।
बैंक का यह मनमाना रवैया दून विधानसभा हलके की पट्टा-महलोग पंचायत की एक विधवा रमा देवी के साथ पेश आया है। रमा देवी अपने पति की हादसे में हुई मौत के बाद एक साल से इंश्योरेंस क्लेम के लिए बैंक के चक्कर काट रही है। बैंक क्लेम को पास करने की जगह लापरवाहपूर्ण रवैया अपनाते हुए मृतक निर्मल चंद का इश्योरेस प्रीमियम काट रहा है। परेशान महिला ने अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिख अपनी व्यथा सुनाई है। रमा देवी ने कहा कि उसके पति निर्मल चंद की अग्निकांड में जल जाने से एक साल पहले मौत हो गई थी। उनके पति के नाम से पट्टा-महलोग के पंजाब नेशनल बैंक में 12 रुपये व 330 रुपये की दो इंश्योरेंस पॉलिसियां चल रही थी। इसके लिए उन्होंने बैंक को डेथ सर्टिफिकेट सौंप दिया था। इसके बावजूद बैंक की ओर से उन्हे पोस्टमार्टम रिपोर्ट का बहाना बनाकर इंश्योरेंस क्लेम नहीं दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि उनके पति का 80 फीसद शरीर जल जाने के कारण पीजीआइ में पोस्टमार्टम नहीं हो सका था।
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इंश्योरेंस कंपनी को है ऑब्जेक्शन
बैंक प्रबंधक पट्टा महलोग जय सिंह ने कहा कि महिला के केस को इंश्योरेंस कंपनी को भेजा गया था। इस पर पोस्टमार्टम रिपोर्ट साथ न होने के कारण आपत्ति दर्ज करवाई गई। उन्होंने कहा कि परिजनों के अनुसार 80 फीसद शरीर जलने के कारण शव का पोस्टमार्टम संभव नहीं हो सका।
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पीड़ित परिवार को दिया जाएगा क्लेम
: सर्कल हेड
मामले में बैंक के सर्कल हेड दीपक धीमान से बात करने पर उन्होंने कहा कि उन्हें इसकी जानकारी नहीं है। मामले की जानकारी लेंगे व परिवार को अवश्य इंश्योरेंस क्लेम दिलवाया जाएगा।