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अब बिना मिट्टी के तैयार होगी सब्जिया

मनमोहन वशिष्ठ, सोलन घर में यदि किचन गार्डन के लिए जमीन नहीं है तो मायूस होने की जरूरत नहीं। अब

By JagranEdited By: Published: Tue, 16 Jan 2018 07:15 PM (IST)Updated: Tue, 16 Jan 2018 07:15 PM (IST)
अब बिना मिट्टी के तैयार होगी सब्जिया

मनमोहन वशिष्ठ, सोलन

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घर में यदि किचन गार्डन के लिए जमीन नहीं है तो मायूस होने की जरूरत नहीं। अब डॉ. यशवंत सिंह परमार औद्यानिकी एवं वानिकी विश्वविद्यालय नौणी, सोलन के वैज्ञानिक ऐसी ही तकनीक पर शोध कर रहे हैं, जिससे बिना मिट्टी के ही घरों व छत्तों पर सब्जिया उगाई जा सकेगी। विश्वविद्यालय का मृदा विज्ञान विभाग इस तकनीक को विकसित करने के लिए प्रयासरत है। रिसर्च के पूरा होते ही लोग इसका लाभ उठा सकेंगे। रिसर्च का सबसे ज्यादा लाभ शहर के लोगों को होगा क्योंकि वहां जमीन की कमी होती है। बिना मिट्टी के बैंगन, टमाटर, शिमला मिर्च, पालक सहित अन्य सब्जियों को उत्पादन करने की तकनीक हाइड्रोपोनिक्स विधि से मात्र एक साल्यूशन युक्त पानी से ही पूरा किचन गार्डन तैयार हो जाएगा।

क्या है हाइड्रोपोनिक्स तकनीक

इस तकनीक के तहत वर्गाकार नालियों का प्रयोग किया जाता है। इन नालियों में पोषक तत्वों से युक्त पानी का प्रवाह होता रहेगा, जिससे सब्जी के पौधों को वे सभी पोषक तत्व मिलते रहेंगे जो मिटटी से मिलते हैं। वर्गाकार नालियों में बहने वाले पोषकयुक्त पानी को होवलैंड साल्यूशन कहा जाता है। वैज्ञानिकों ने विवि में यह साल्यूशन स्वयं तैयार किया है। इसमें नाइट्रोजन, फास्फोरस, पोटाशियम सहित अन्य सूक्ष्म तत्वों का मिश्रण है। यह साल्यूशन उसी तरह काम करता है जिस तरह मिट्टी में होता है। साढ़े पाच लाख का रिसर्च प्रोजेक्ट नौणी विवि को सी डैक मोहाली से मिला था। विवि के वैज्ञानिक लेटयूस, स्विस चार्ड व पालक पर रिसर्च कर रहे हैं। इससे पता चलेगा कि इसको उगाने के लिए कितना समय व मिश्रण पानी लगेगा। इसमें उगने वाली सब्जिया उच्च क्वालिटी की होगी।

बड़े शहरों के लिए वरदान

यह रिसर्च कंक्रीट के जंगलों में तबदील हो रहे शहरों के लिए वरदान होगी। बडे़ शहरों में कंक्रीट केजंगलों से किचन गार्डन के लिए भी जगह नहीं बच रही है। लोगों को ताजा सब्जियों के लिए दुकानों का रुख करना पडता है लेकिन हाइड्रोपोनिक्स तकनीक से बिना जमीन मिटटी के ही उच्च क्वालिटी की सब्जिया उगा सकेंगे।

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''हाइड्रोपोनिक्स तकनीक पर पत्तेदार सब्जियों पर रिसर्च की जा रही है। इसका लाभ शहरों को ज्यादा होगा क्योंकि बिना जमीन व मिटटी के पोषकयुक्त पानी के मिश्रण में कई सब्जियों का उत्पादन हो सकेगा। अभी इनके उत्पादन में कितना समय व कितना मिश्रण लगेगा इस पर शोध चल रहा है। इसमें सब्जियां व फूल भी उगाए जा सकते है।

-डॉ. जेसी शर्मा, हेड मृदा विज्ञान विभाग नौणी विवि।


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