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छठ पर्व को लेकर बीबीएन के बाजारों में बढ़ी चहलपहल

दीपावली से छठे दिन आयोजित होने वाले छठ पर्व की तैयारियों को लेकर बीबीएन के बाजारों में चहलपहल बढ़ गई है।

By JagranEdited By: Published: Sun, 07 Nov 2021 07:50 PM (IST)Updated: Sun, 07 Nov 2021 07:50 PM (IST)
छठ पर्व को लेकर बीबीएन के बाजारों में बढ़ी चहलपहल
छठ पर्व को लेकर बीबीएन के बाजारों में बढ़ी चहलपहल

संवाद सूत्र, नालागढ़ : दीपावली से छठे दिन आयोजित होने वाले छठ पर्व की तैयारियों को लेकर बीबीएन के बाजारों में चहलपहल बढ़ने लगी है। रविवार को पूर्वाचल से बीबीएन में आए प्रवासियों ने बाजार में जमकर खरीददारी की और पूजा का सामान भी खरीदा। दीपावली से छठे दिन शुरू होकर चार दिन तक चलने वाले इस व्रत में व्रतधारी निर्जल रहकर पूजा-अर्चना करते हैं। चौथे दिन सुबह नदियों के घाट पर जाकर सूर्योपासना के बाद व्रत खोला जाता है। सूर्य को अ‌र्घ्य देकर व्रत खोलते हैं।

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छठ पूजन पूर्वाचल के लोगों का महापर्व है, जिसमें चार दिन तक पूजन किया जाता है। महिलाएं साड़ी व पुरुष धोती में इस पूजन में भाग लेते हैं। छठ पर्व के पहले दिन महिलाएं अपने परिवार की सुख-शांति के लिए पूजा-अर्चना कर व्रत रखकर शाम को मीठा भोजन करती हैं। दूसरे रोज पूरा दिन व्रत रखने वाली महिलाएं शाम को विधि-विधान के साथ पूजा-अर्चना कर नदी, तालाबों व अन्य जलाशयों में जाकर अस्ताचंल गायी सूर्य को अ‌र्घ्य अर्पित करती हैं। अगले दिन उदीयमान सूर्य को अ‌र्घ्य देकर अपना व्रत संपन्न करती हैं।

भैया दूज के तीसरे दिन से आरंभ होने वाले व्रत में पहले दिन सेंधा नमक, घी से बना हुआ अरवा चावल व कद्दू की सब्जी प्रसाद के रूप में ली जाती है। अगले दिन से उपवास आरंभ होता है व इस दिन रात में खीर बनती है। व्रतधारी रात में यह प्रसाद लेते हैं तथा तीसरे दिन डूबते हुए सूर्य को अ‌र्घ्य यानी दूध अर्पण करते हैं। अंतिम दिन उगते हुए सूर्य को अ‌र्घ्य चढ़ाते हैं। पूजा में पवित्रता का ध्यान रखा जाता है। लहसुन व प्याज वर्जित है।

बीबीएन में उद्योगों की स्थापना के बाद हजारों की तादाद में प्रवासी यहां काम करते हैं, जो क्षेत्र के विभिन्न उद्योगों के अलावा अपने अन्य कामों जैसे मकान निर्माण, बड़े प्रोजेक्टों में काम करना, दिहाड़ी आदि लगाने का काम करते हैं। अपनी संस्कृति व परंपरा को कायम रखते हुए ये प्रवासी अपने पर्वो को क्षेत्र में बड़े हर्षोल्लास से मनाते हैं। यहां प्रवासी चिकनी नदी, बाल्द नदी, सरसा नदी आदि में जाकर सूर्य को अ‌र्घ्य देकर पूजा-अर्चना करते हैं। पूर्वाचल में मनाए जाने वाले इस पर्व को लेकर औद्योगिक क्षेत्र बीबीएन में भी इसकी खूब रौनक रहती है। यही कारण है कि बीबीएन क्षेत्र के दुकानदार भी अपनी दुकानों को खूब सजाते हैं, ताकि प्रवासी उनकी दुकानों से खरीदारी करें।

कुंदन, प्रमोद, मनोज, सोनू, आदित्य, मोहन सिंह, रीना देवी का कहना है कि बुधवार सुबह से कठोर व निर्जल व्रत आरंभ होगा व वीरवार सुबह भगवान सूर्य को अ‌र्घ्य देकर व्रत संपन्न होगा। उन्होंने कहा कि इस व्रत को लेकर कई दिन से तैयारियां की जा रही हैं।


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