Move to Jagran APP

सबसे ज्यादा राजस्व देने वाले सोलन जिले में नहीं ट्रामा सेंटर की सुविधा

शिमला व चंडीगढ़ के बीच फोरलेन पर बसे सोलन जिले में आज तक सरकार ट्रामा सेंटर की सुविधा नहीं दे पाई है।

By JagranEdited By: Published: Sat, 16 Oct 2021 05:40 PM (IST)Updated: Sat, 16 Oct 2021 05:40 PM (IST)
सबसे ज्यादा राजस्व देने वाले सोलन जिले में नहीं ट्रामा सेंटर की सुविधा

मनमोहन वशिष्ठ, सोलन

loksabha election banner

शिमला व चंडीगढ़ के बीच फोरलेन पर बसे सोलन जिले में आज तक सरकार ट्रामा सेंटर की सुविधा नहीं दे पाई है। सड़क दुर्घटनाओं में घायलों को स्थानीय अस्पतालों में प्राथमिक उपचार देने के बाद गंभीर हालत में पीजीआइ चंडीगढ़ रेफर करना पड़ता है। इससे दुर्घटनाओं में घायलों की जान जोखिम में पड़ जाती है। कई बार तो घायल रास्ते में ही दम तोड़ देते हैं।

जिले के बड़े अस्तपाल सोलन में भी अभी तक ट्रामा सेंटर की सुविधा नहीं है। इससे यहां भी घायलों को फ‌र्स्ट एड देने के बाद इंदिरा गांधी मेडिकल कालेज (आइजीएमसी) शिमला या पीजीआइ चंडीगढ़ रेफर करना पड़ता है। सोलन के अस्पतालों से शिमला या चंडीगढ़ रेफर करने पर एंबुलेंस को 50 से 70 किलोमीटर का सफर तय करना पड़ता है। हाईवे पर लगने वाले जाम से घायलों को समय पर अस्पताल पहुंचाना चुनौतीपूर्ण रहता है।

सोलन से शिमला करीब 50 तो चंडीगढ़ 75 किलोमीटर पड़ता है। ऐसे में यदि सोलन के आसपास और बीबीएन में एक-एक ट्रामा सेंटर की सुविधा हो तो सड़क हादसों व अन्य गंभीर अवस्था में उनको नजदीक इलाज की सुविधा मिल सकती है।

जिला से स्वास्थ्य मंत्री होने के बावजूद अभी तक इस सुविधा का न मिलना लोगों को हैरान जरूर करता है। धूमल सरकार में सोलन के तत्कालीन विधायक डा. राजीव बिदल स्वास्थ्य मंत्री थे जबकि वर्तमान में कसौली के विधायक डा. राजीव सैजल प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री हैं। ऐसे में लोगों की अपेक्षाएं ज्यादा रहती हैं कि ट्रामा सेंटर की सुविधा से जिलावासी वंचित क्यों हैं। सोलन व नालागढ़ में प्रस्तावित है ट्रामा सेंटर

सोलन जिला मुख्यालय के आसपास व बीबीएन के नालागढ़ में भी लेवल-3 की सुविधाओं वाला ट्रामा सेंटर बनना प्रस्तावित है। सोलन जिले के लोग करीब 20 साल से ट्रामा सेंटर की सुविधा की मांग करते आ रहे हैं। इसके लिए घोषणाएं भी हुई, लेकिन वे भी मात्र घोषणा तक ही सीमित रह गई। सरकार चाहे कोई भी रही हो लेकिन इस ज्वलंत मांग को अभी तक पूरा नहीं किया जा सका है। जिले में आए साल सड़क दुर्घटनाओं के मामलों में वृद्धि होती आ रही है। ऐसे में जल्द ट्रामा सेंटर की सुविधा समय की मांग है। बीबीएन में होते हैं सबसे ज्यादा हादसे

जिले की भूगोलिक परिस्थितियां भी ऐसी हैं कि गंभीर अवस्था में रेफर मरीज समय पर अस्पताल न पहुंच पाने पर रास्ते में ही दम तोड़ देता है। बीबीएन में भी सड़क दुर्घटनाओं की संख्या ज्यादा रहती है। सोलन के कथेड़ व नालागढ़ में ट्रामा सेंटर के निर्माण की प्रक्रिया जारी है। क्या कहते हैं स्वास्थ्य अधिकारी

सोलन व नालागढ़ में ट्रामा सेंटर बनने प्रस्तावित हैं। अभी तक सोलन जिले में कोई भी ट्रामा सेंटर नहीं है। इस दिशा में प्रक्रिया जारी है।

- डा. राजन उप्पल, सीएमओ सोलन। सोलन के कथेड़ में नया क्षेत्रीय अस्पताल बनना प्रस्तावित है। हाल ही में मुख्यमंत्री ने अस्पताल का शिलान्यास भी किया है। इसमें 200 बिस्तर का अस्पताल, ट्रामा सेंटर बनने प्रस्तावित हैं। इसके लिए प्रक्रिया चली हुई है। इसके बनने से लोगों को नजदीक ही सभी तरह की सुविधा मिलेगी।

- डा. एसएल वर्मा, चिकित्सा अधीक्षक क्षेत्रीय अस्पताल सोलन।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.