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बच्चों को गुड टच-बैड टच के बारे में बताएं

जिला बाल संरक्षण इकाई व महिला एवं बाल विकास विभाग सोलन द्वारा सोलन में किशोर न्याय, यौन अपराधों से बच्चों की सुरक्षा अधिनियम व बाल श्रम अधिनियमों के संबंध में एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला की अध्यक्षता उपायुक्त सोलन विनोद कुमार ने की। कार्यशाला में लगभग 70 लोगों ने भाग लिया। उपायुक्त ने कार्यशाला को संबोधित करते हुए कहा कि बच्चे हमारे देश का भविष्य हैं। बच्चों की सुरक्षा व देखभाल हम सबका नैतिक उत्तरदायित्व है। उन्होने कहा कि हमें अपने बच्चों को गुड टच व बैड टच के विषय में नि:संकोच जानकारी देनी चाहिए ताकि बच्चे इस संबंध में अन्तर सीख सकें। उन्होने कहा कि यह जानकारी

By JagranEdited By: Published: Wed, 12 Dec 2018 06:19 PM (IST)Updated: Wed, 12 Dec 2018 06:19 PM (IST)
बच्चों को गुड टच-बैड टच के बारे में बताएं
बच्चों को गुड टच-बैड टच के बारे में बताएं

संवाद सहयोगी, सोलन : जिला बाल संरक्षण इकाई व महिला एवं बाल विकास विभाग सोलन द्वारा सोलन में किशोर न्याय, यौन अपराधों से बच्चों की सुरक्षा अधिनियम व बाल श्रम अधिनियमों के संबंध में एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला की अध्यक्षता उपायुक्त विनोद कुमार ने की। कार्यशाला में लगभग 70 लोगों ने भाग लिया। उपायुक्त ने कहा कि बच्चे हमारे देश का भविष्य हैं। बच्चों की सुरक्षा व देखभाल हम सबका नैतिक उत्तरदायित्व है। हमें बच्चों को गुड टच व बैड टच के विषय में नि:संकोच जानकारी देनी चाहिए, ताकि बच्चे इस संबंध में अंतर सीख सकें। यह जानकारी बच्चों के साथ होने वाले यौन शोषण को रोकने में कारगर सिद्ध हो सकती है। बच्चों के साथ शारीरिक शोषण की शिकायत नि:शुल्क दूरभाष संख्या-1098, पुलिस शिकायत नि:शुल्क दूरभाष संख्या-112, गुड़िया हेल्पलाइन-1515 व होशियार ¨सह हेल्पलाइन-1090 पर की जा सकती है। उन्होने विभिन्न बाल अधिकारों व बच्चा गोद लेने की प्रक्रिया के बारे में भी जानकारी दी। डीएसपी अमित ठाकुर ने बाल संरक्षण अधिनियम की जानकारी देते हुए कहा कि यदि 18 वर्ष से कम आयु वर्ग के बच्चों के साथ कोई अपराध होता है तो उसके लिए कानून में अलग से व्यवस्था की गई है। इस व्यवस्था के अनुसार बच्चे के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज नही की जा सकती। बच्चे की एक जनरल डायरी तैयार करके जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड के समक्ष पेश की जाती है। जुवेनाइल को नि:शुल्क कानूनी सहायता उपलब्ध करवाई जाती है। जुवेनाइल को कारागार में भी नहीं रखा जा सकता। जुवेनाइल के विरुद्ध यदि कोई अपराध हुआ हो तो ऐसे मामले में तुरंत प्राथमिकी दर्ज करनी अनिवार्य है। 18 वर्ष से कम आयु वर्ग के बच्चों के विरुद्ध किसी मामले की जांच विशेष जुवेनाइल पुलिस अधिकारी द्वारा ही की जा सकती है। कार्यशाला में अधिवक्ता कुमुद ठाकुर ने पोक्सो अधिनियम-2012, बाल विकास समिति के अध्यक्ष विजय लांबा ने बाल संरक्षण व बाल सुधार के संबंध में जानकारी दी। जिला श्रम अधिकारी जितेंद्र ¨बद्रा ने बाल श्रम अधिनियम-1986 के बारे में जानकारी दी। कार्यशाला में आए प्रतिनिधियों को गुड व बैड टच के विषय में लघु डाक्यूमेंटरी फिल्म भी दिखाई गई। इस अवसर पर जिला कार्यक्रम अधिकारी वंदना चौहान, व्यापार मंडल सोलन के अध्यक्ष मुकेश गुप्ता, जिला कल्याण अधिकारी बीएस ठाकुर, सीडीपीओ पवन गुप्ता आदि मौजूद रहे।

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