भक्ति के लिए मन को पवित्र रखना जरूरी : भारती
दिव्य ज्योति जागृति संस्थान द्वारा आयोजित श्री कृष्ण कथा के चतुर्थ दिवस पर साध्वी रूपेश्वरी भारती ने समस्त जन समाज का मार्गदर्शन करते हुए एवं प्रभु की विभिन्न लीलाओं का व्याख्यान करते हुए अध्यात्मिक रहस्यों को उजागर किया। उन्होंने बताया कि
संवाद सूत्र, दाड़लाघाट : दिव्य ज्योति जागृति संस्थान की ओर से श्रीकृष्ण कथा के चतुर्थ दिवस पर साध्वी रूपेश्वरी भारती ने प्रवचन किए। उन्होंने बताया कि पूतना मात्र प्रतीक है मलिन व अपवित्र तन मन का, पूतना यानी पवित्र नहीं तन जिसका, प्रभु की प्राप्ति के लिए मानव को अपना तन व मन पवित्र करना होगा। भक्तों का जीवन ठीक कमल की भांति इस संसार में होना चाहिए। वह खुराक तो कीचड़ से प्राप्त करता है परंतु अपना नाता वह प्रकाश से रखता है। उन्होंने कहा कि प्रभु भक्ति के लिए मन को पवित्र रखना चाहिए। इस अवसर पर रतन सिंह पाल भाजपा प्रदेश सचिव, जगदीश्वर शुक्ला, राकेश गौतम, नरेंद्र चौधरी, जगदीश शर्मा, ललित शर्मा, बाबूराम शर्मा, धनीराम ठाकुर, प्रकाश महाजन, भीम चंद शर्मा आदि मौजूद रहे।