पेंशन, डाक के साथ डाकिया दवा भी लाया
प्रदेश में कोरोना माहामारी से बचाव के लिए हुए लॉकडाउन के दौरान भारतीय डाक विभाग लोगों के लिए फरिश्ता बनकर सामने आया।
विनोद कुमार, सोलन
कर्फ्यू व लॉकडाउन के दौरान भारतीय डाक विभाग लोगों के लिए फरिश्ता बना है। डाक विभाग के सोलन मंडल के अंतर्गत अप्रैल व मई में विभाग ने आधार सक्षम भुगतान प्रणाली से एक करोड़ 25 लाख रुपये लोगों के घरद्वार पहुंचाए। जब प्रदेश में सभी परिवहन सेवाएं बंद थी व विशेषकर ग्रामीण क्षेत्रों के लोग पैसा निकालने घर से कहीं नहीं जा पा रहे थे तो डाक विभाग उनकी मदद के लिए आगे आया। ग्रामीण व शहरी क्षेत्रों में तैनात कर्मचारियों ने कई किलोमीटर सफर पैदल कर लोगों के घरद्वार तक पेंशन पहुंचाई।
डाक विभाग के अनुसार लोगों के घर तक पेंशन, डाक व दवाएं पहुंचाने के लिए स्टाफ की निजी गाड़ियों का भी प्रयोग करना पड़ा, ताकि लोगों को असुविधा न हो। प्रदेश में पेंशन वितरित करने के लिए डाक विभाग व सरकार के बीच अब तक जो अनुबंध है उसके मुताबिक केवल 80 वर्ष से ज्यादा आयु वर्ग के नागरिकों व 70 फीसद से अधिक दिव्यांगों को ही घर तक पेंशन दी जाती है, लेकिन कर्फ्यू में डाक विभाग ने करीब 85 फीसद पेंशनरों को घरद्वार सेवा दी है।
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सोलन में 33755 व सिरमौर में 34012 लोगों तक पहुंचाई पेंशन
डाक विभाग के सोलन मंडल के अंतर्गत 356 डाकघरों में पंजीकृत जिला सोलन के 33755 व सिरमौर के 34012 लोगों को घर तक पेंशन पहुंचाई। जिला सोलन में 12 करोड़ 36 लाख 43 हजार व जिला सिरमौर में 12693750 रुपये पेंशन लोगों तक पहुंचाई। बीबीएन में डाक सेवाएं सुचारू चलाने के लिए विभाग द्वारा एक ट्रक प्रतिदिन के हिसाब से किराये पर लिया गया है।
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जोगिंद्र ने 15 किलोमीटर पैदल चल पहुंचाई पेंशन
अर्की डाकघर में तैनात पोस्टमैन जोगिद्र ने कर्फ्यू के दौरान रोजाना पैदल चलकर करीब दो लाख रुपये लोगों के घर पहुंचाए। उन्होंने बताया कि वह पैदल ही डाक सेवा कर रहे हैं। कुछ लोगों तक पहुंचने के लिए 15 किलोमीटर पैदल सफर तय करना पड़ा।
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जिला सोलन व सिरमौर में 85 फीसद लोगों को पेंशन घरद्वार वितरित की है। प्रत्येक कार्यालय में 33 से 50 फीसद कर्मचारियों के माध्यम से काम हो रहा है। कार्यालय को नियमित सैनिटाइज किया जा रहा है। स्टाफ मास्क व सैनिटाइजर का उपयोग कर रहा है।
-हेम शंकर, अधीक्षक सोलन मंडल।