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सुरक्षित भी होगा परवाणू-शिमला फोरलेन का रोमांचक सफर

परवाणू-शिमला फोरलेन का रोमांचक सफर पूरी तरह सुरक्षित भी होगा। फ

By JagranEdited By: Published: Tue, 20 Apr 2021 05:59 PM (IST)Updated: Tue, 20 Apr 2021 05:59 PM (IST)
सुरक्षित भी होगा परवाणू-शिमला फोरलेन का रोमांचक सफर
सुरक्षित भी होगा परवाणू-शिमला फोरलेन का रोमांचक सफर

मनमोहन वशिष्ठ, सोलन

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परवाणू-शिमला फोरलेन का रोमांचक सफर पूरी तरह सुरक्षित भी होगा। फोरलेन में इमरजेंसी कॉल बॉक्स की भी सुविधा मिलेगी। किसी तरह की दिक्कत होने पर सिर्फ एक बटन दबाने पर कुछ मिनटों में ही सहायता मिलेगी। फोरलेन का कार्य 90 फीसद पूरा हो चुका है, इसलिए धर्मपुर के नजदीक सनवारा में पहला टोल प्लाजा भी सोमवार को शुरू हो चुका है। टोल प्लाजा से सफर तो महंगा हुआ है, लेकिन यहां घुमावदार चकाचक फोरलेन पर वाहन चलाना किसी रोमांच से कम नहीं है।

परवाणू से सोलन के बीच करीब 40 किलोमीटर लंबे फोरलेन में 17 इमरजेंसी कॉल बॉक्स स्थापित किए हैं। इनकी खासियत यह है कि सौर ऊर्जा से चार्ज होंगे। इनमें किसी भी तरह की सिग्नल समस्या नहीं होगी। वाहन पलटने पर रिकवरी वैन बुलाने, एंबुलेंस बुलाने या किसी आपराधिक घटना की जानकारी देने के लिए इनका इस्तेमाल पर्यटकों सहित स्थानीय लोग भी सफर के दौरान कर सकेंगे। कॉल बॉक्स से सीधा संपर्क कंट्रोल रूम में होगा। इमरजेंसी कंट्रोल रूम कुमारहट्टी की ओर फोरलेन टनल व सनवारा टोल प्लाजा पर स्थापित किए गए हैं, जहां फोरलेन निर्माण करने वाली कंपनी के कर्मचारी तैनात रहेंगे। जरूरत होने पर कर्मचारी पुलिस को सूचित करेंगे। कंपनी का कहना है कि लोग आपातकाल में ही इस सुविधा का इस्तेमाल करें।

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प्रदेश में पहली बार स्थापित हुए इमरजेंसी कॉल बॉक्स

परवाणू से सोलन के बीच फोरलेन का निर्माण कर रही ग्रिल कंपनी के प्रोजेक्ट हेड बलबिद्र सिंह ने बताया कि हर दो से तीन किलोमीटर की दूरी के बाद इमरजेंसी कॉल बॉक्स (इसीबी) स्थापित किए गए हैं। इसका संचालन फिलवक्त कंपनी के ही कर्मचारी करेंगे। यह अपनी तरह की सुविधा हिमाचल में पहली है। कॉल आने पर कंट्रोल रूम पर खड़ी एंबुलेंस, पेट्रोलिंग पार्टी वाहन व रिकवरी वाहन सहायता के लिए उपलब्ध होंगे। मौके पर यदि कोई बड़ा मामला पाया जाता है तो सूचना पुलिस को दी जाएगी। कॉल बॉक्स स्थापित कर दिए हैं, कुछ दिन में इन्हें कंट्रोल रूम से जोड़ दिया जाएगा।

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तीन स्वर्णिम वाटिकाएं तैयार

मैदानी राज्यों में गर्मी से राहत पाने और जिंदगी की भागदौड़ में सुकून के कुछ पल बिताने के लिए हजारों पर्यटक पहाड़ का रुख कर रहे हैं। सफर के दौरान थोड़ी देर आराम करने के लिए परवाणू से शिमला फोरलेन के बीच स्वर्णिम वाटिकाएं बनाई जा रही हैं। तीन स्वर्णिम वाटिकाएं तैयार भी हो गई हैं। इनमें परवाणू से थोड़ा ऊपर आकर दत्यार में एनएचएआइ ने स्वर्णिम वाटिका तैयार की है। दत्यार से ही थोड़ा ऊपर आकर एक और स्वर्णिम वाटिका वन विभाग ने तैयार की है। इसके अलावा सोलन के नजदीक शमलेच में भी वन विभाग ने आकर्षक स्वर्णिम वाटिका तैयार कर दी है। शमलेच में तैयार हुई वाटिका पर 17 लाख रुपये खर्च हुए हैं। इनमें पर्यटकों के लिए हर सुविधा का ध्यान रखा गया है।


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