दवा कंपनियों ने की उत्पादन से तौबा
सुनील शर्मा, सोलन देश के बड़े दवा उद्योगों ने नेशनल फार्मास्यूटिकल प्राइसिंग अथारिटी (एनप
सुनील शर्मा, सोलन
देश के बड़े दवा उद्योगों ने नेशनल फार्मास्यूटिकल प्राइसिंग अथारिटी (एनपीपीए) के पास दवाओं के उत्पादन बंद व कम करने के लिए आवेदन किया है। कुछ उद्योगों ने बिना जानकारी दिए दवाओं का उत्पादन रोक दिया है। मनमानी करने वाले दवा उत्पादकों पर एनपीपीए ने शिकंजा कसा है, वहीं दवा उत्पादन घटाने की इच्छा जाहिर करने वाले उद्योगों को जरूरी दिशानिर्देश जारी किए हैं। 54 दवाओं का उत्पादन रोकने की प्रक्रिया के बीच राष्ट्रीय औषध मूल्य निर्धारण प्राधिकरण (एनपीपीए) ने कहा है कि उत्पादकों को छह माह पहले जानकारी देनी होगी।
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एबॉट समेत कई उद्योगों ने जाहिर की इच्छा
देशभर की 13 दवाएं ऐसी हैं जिनका उत्पादन कम करने या फिर बंद करने के बारे में उद्योगों ने एनपीपीए को पत्र लिखा है। इन दवाओं को बनाने वाले उद्योगों में एस्ट्राजेनिका फार्मा इंडिया, स्नोफी इंडिया लिमिटेड, एबॉट हेल्थकेयर प्राइवेट लिमिटेड, इंडोको रेमेडीज और बैक्सटर इंडिया प्राइवेट लिमिटेड शामिल हैं। मिलन फार्मास्यूटिकल प्राइवेट लिमिटेड और मिडोफार्म प्राइवेट लिमिटेड ने 13 दवाओं का उत्पादन बिना एनपीपीए को जानकारी दिए ही बंद कर दिया है।
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24 उद्योगों को नोटिस
एनपीपीए ने 24 उद्योगों को नोटिस जारी करने के आदेश दिए हैं। इन कंपनियों में मैग्नेट लैब्स प्राइवेट लिमिटेड मैनकाइंड, रैपटाकोस ब्रेट एंड कंपनी लिमिटेड, बॉक्सटर इंडिया, फुलफोर्ड लिमिटेड, स्ट्रासेंबर्ग फार्मास्यूटिकल लिमिटेड, एलजी लाइफ सांइस इंडिया प्राइवेट लिमिटेड, स्नोफी इंडिया लिमिटेड, मीनारिनी इंडिया लिमिटेड प्राइवेट लिमिटेड और शिगुल फार्मास्यूटिकल प्राइवेट लिमिटेड कंपनी कुछ दवाएं बंद करने जा रही है। मैनकाइंड प्राइवेट लिमिटेड, एस्ट्राजिनिका फार्मा इंडिया लिमिटेड, यूनिकैम लेबोरेट्रीज लिमिटेड और पनेसिया बॉयोटेक लिमिटेड भी कुछ दवाओं का उत्पादन घटाने जा रहे हैं।
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बुखार, सिरदर्द सहित डायरिया की दवाओं का उत्पादन घटा
एबॉट हेल्थकेयर कंपनी की दवा पीडियालिल 200 एमएल (डायरिया व उल्टी के लिए इस्तेमाल), इंडोको रैमीडीज कंपनी की दवा फैवोरिट 200 डीटी (कान के इंफेक्शन व गुर्दो की दिक्कत के लिए), मैगनेट लैब कंपनी की इप्टोकाइंड 100 टेबलेट, मैनकाइंड प्राइवेट कंपनी का क्लींडेटाइम 150 कैप्सूल व मिडोफार्म प्राइवेट लिमिटेड कंपनी द्वारा बनाई जाने वाली मिडोमोल दवा को भी बंद किया जा रहा है। सिरदर्द, बुखार, शरीर की दर्द निवारक के रूप में प्रयोग होने वाली इन दवाओं का उत्पादन कम होने से दवाओं की मात्रा भारतीय बाजार में कम होगी।
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दवाओं का उत्पादन कम व कुछ दवाओं का उत्पादन बंद करने की सूचना कुछ कंपनियों ने दी है। इन कंपनियों को सशर्त अनुमति दी जाएगी। ऐसी कोई भी कंपनी जो दवा का उत्पादन बंद या फिर उत्पादन करना चाहती है, उसकी जानकारी उन्हें एनपीपीए को देनी अनिवार्य है।
-राजेश अग्रवाल, राष्ट्रीय औषध मूल्य निर्धारण प्राधिकरण के संयुक्त निदेशक (मॉनिट¨रग)
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क्यों पीछे हट रही कंपनियां
केंद्र सरकार ने देशभर में लोगों को सस्ती दवाएं उपलब्ध करवाने की पहल की है। इस पहल के कारण नेशनल फार्मास्यूटिकल प्राइसिंग अथॉरिटी समय- समय पर दवाओं का मूल्य निर्धारित करती है। दवा मूल्य निर्धारित होने से दवा कंपनियों की मनमानी पर रोक लग रही है, लिहाजा अब कुछ कंपनियां उत्पादन से पीछे हट रही हैं।