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कसौली छावनी उपाध्यक्ष के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पास

कसौली छावनी के उपाध्यक्ष राजीव भारती के खिलाफ छावनी वार्ड सदस्यों द्वारा लाया गया अविश्वास प्रस्ताव पास हो गया। उपाध्यक्ष के खिलाफ प्रस्ताव पास होते ही अब इस पद के लिए बैठक होगी जिसके लिए छावनी वार्ड मेंबरों में लो¨बग तेज हो गई है। शनिवार को छावनी परिषद कार्यालय में विशेष बैठक का अयोजन किया गया जिसकी अध्यक्षता छावनी अध्यक्ष व स्टेशन कमांडर कसौली ब्रिगेडियर विक्रम शर्मा ने की।

By JagranEdited By: Published: Sat, 24 Nov 2018 05:35 PM (IST)Updated: Sat, 24 Nov 2018 05:35 PM (IST)
कसौली छावनी उपाध्यक्ष के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पास
कसौली छावनी उपाध्यक्ष के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पास

सहयोगी, कसौली (सोलन) :

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कसौली छावनी के उपाध्यक्ष राजीव भारती के खिलाफ छावनी वार्ड सदस्यों द्वारा लाया गया अविश्वास प्रस्ताव पास हो गया। उपाध्यक्ष के खिलाफ प्रस्ताव पास होते ही अब इस पद के लिए बैठक होगी जिसके लिए छावनी वार्ड मेंबरों में लो¨बग तेज हो गई है। शनिवार को छावनी परिषद कार्यालय में विशेष बैठक का आयोजन किया गया जिसकी अध्यक्षता छावनी अध्यक्ष व स्टेशन कमांडर कसौली ब्रिगेडियर विक्रम शर्मा ने की। इस दौरान शहर के सभी निर्वाचित वार्ड सदस्यों ने भाग लिया। बैठक में मौजूदा उपाध्यक्ष अपनी कुर्सी बचाने के लिए समर्थन जुटाने में कामयाब नही हो सके। छह में से चार वार्ड सदस्यों द्वारा लाया गया अविश्वास प्रस्ताव पास हो गया। मौजूदा उपाध्यक्ष के खिलाफ 19 नवंबर को चार सदस्यों ने अविश्वास प्रस्ताव छावनी अध्यक्ष के खिलाफ दिया था। कसौली छावनी में सिविल में से छह पार्षद होते हैं, जिनमें से उपाध्यक्ष निर्वाचित होता है जबकि स्टेशन कमांडर कसौली छावनी का अध्यक्ष होता है। राजीव भारती के खिलाफ आठ माह के छोटे से अंतराल के बाद ही अविश्वास प्रस्ताव आ गया और पास हो गया। उपाध्यक्ष के खिलाफ पत्र में हस्ताक्षर करने वालों में देवेंद्र गुप्ता, जसप्रीत ¨सह, कृष्णा व नरेंद्र कुमार शामिल थे।

अब नए उपाध्यक्ष के लिए होगी बैठक

अविश्वास प्रस्ताव पास होने के बाद अब इस पद के लिए भी लो¨बग तेज हो गई है। नए उपाध्यक्ष के निर्वाचन के लिए दो चार दिन में बैठक रखी जाएगी। इस बैठक में उपाध्यक्ष पद के लिए छह निर्वाचित सदस्यों में से किसी एक का चुनाव होगा। जो भी अब नया उपाध्यक्ष बनेगा उसको सबको साथ लेकर चलने की चुनौती होगी। इस पद के लिए आठ माह में दो बार अविश्वास प्रस्ताव पास हो चुके हैं।


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