शिमला के पेट्रोल पंप को भरने होंगे 2.25 करोड़ रुपये
वैट का भुगतान न करने पर लग सकता है दो करोड़ का जुर्माना, पंप मालिक चार वर्ष से वैट का भुगतान नहीं कर रहा था।
सोलन, जेएनएन। राज्य कर व आबकारी विभाग के दक्षिण प्रवर्तन क्षेत्र की टीम ने चार वर्ष से वैट (मूल्य वर्धित कर) का भुगतान न करने पर शिमला के एक पेट्रोल पंप पर 2.25 करोड़ रुपये ब्याज सहित टैक्स लगाया है। पेट्रोल पंप मालिक ने चार वर्ष से करीब नौ करोड़ रुपये के टैक्स का भुगतान नहीं किया था। इस दौरान पेट्रोल पंप की बिक्री करीब 35 करोड़ रुपये हुई थी।
विभाग की मानें तो इस टैक्स के अलावा पेट्रोल पंप मालिक को करीब दो करोड़ से अधिक का जुर्माना लगाया जा सकता है। विभाग को सूचना मिली थी कि वर्ष 2013-14 से 2017-18 के बीच पेट्रोल पंप मालिक ने बिक्री का एक बड़ा हिस्सा छुपाया है और उस पर वैट का भुगतान नहीं किया जा रहा है। पेट्रोल पंप का मालिक सारा सामान प्रदेश के बाहर से मंगवाता है। विभाग के बैरियर पर प्रत्येक सामान के विवरण को दर्ज किया जाता है। सूचना मिलने के बाद विभाग ने नोटिस जारी कर पेट्रोल पंप मालिक को परवाणू कार्यालय में बुलाया और उसे आए पेट्रोलियम पदार्थो के बारे में अवगत करवाया गया।
प्रत्येक वर्ष में दो से तीन करोड़ रुपये के कारोबार का विभाग को कोई हिसाब नहीं दिया था। इस दौरान पेट्रोल पंप की बिक्री आठ से नौ करोड़ रुपये हुई थी। पेट्रोल पंप मालिक ने गलती मानते हुए इसके लिए अपनी लेखा शाखा को जिम्मेदार ठहराया। उसने सवा दो करोड़ में से 40 लाख रुपये खजाने में जमा करा दिए हैं। शेष राशि जमा करवाने के लिए दो माह का समय मांगा है। पेट्रोल एवं डीजल इत्यादि पर अभी भी हिमाचल प्रदेश में मूल्य वर्धित कर अधिनियम 2005 के (वैट) के तहत ही टैक्स लगता है क्योंकि यह वस्तुएं जीएसटी के दायरे में नहीं आती। सहायक राज्य कर एवं आबकारी अधिकारी विनीत शर्मा ने इस मामले में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
चार साल से वैट का भुगतान न करने पर शिमला के पेट्रोल पंप को 2.25 करोड़ रुपये का ब्याज सहित टैक्स लगाया गया है। उसने 40 लाख रुपये जमा कर दिए हैं जबकि शेष राशि जमा कराने के लिए दो माह का समय मांगा है। -डॉ. सुनील कुमार, संयुक्त आयुक्त राज्य कर एवं आबकारी विभाग, दक्षिण प्रवर्तन क्षेत्र परवाणू। दूसरा बड़ी कार्रवाई शिमला के पेट्रोल पंप के खिलाफ विभाग की दूसरी बड़ी कार्रवाई है। इससे पूर्व विभाग की टीम ने कुछ माह पूर्व शिमला के एक पेट्रोल पंप पर भी वैट का भुगतान न करने पर करीब 1.28 करोड़ रुपये का ब्याज सहित टैक्स लगाया था।