हवन के साथ रखी नागलोक की आधारशिला
देवों की भूमि हिमाचल का धार्मिक महत्?व अब और भी गहरा होने जा रहा है।
जागरण संवाददाता, सोलन : जिला सोलन के कंडाघाट विकास खंड में अब सबसे बड़ा नागलोक निर्मित होने जा रहा है। क्षेत्र की तुंदल पंचायत में स्थित रामलोक मंदिर की दसों दिशाओं में नागलोक की स्थापना होने जा रही है। यहां पहले से दो मूर्तियां बनाई जा चुकी हैं और शनिवार को एक और मूर्ति की स्थापना की आधारशिला रख दी गई है। यह मूर्तियां लगभग 18 फीट से अधिक ऊंची बनाई जा रही हैं। मंदिर में अष्ट धातु की राम परिवार की मूर्तियां भी स्थापित हैं। यह नागलोक भारत में इस तरह का दूसरा बड़ा नागलोक होगा। इससे पहले केरल में एक नागलोक स्थापित है, जिसकी पूजा करने पूरे देशभर से भक्तजन पहुंचते हैं। रामलोक मंदिर की दसों दिशाओं की तरफ दस नागलोक स्थापित किए जाएंगे। हिमाचल प्रदेश से पहले केवल दक्षिण भारत के केरल में ही पद्मनाथ स्वामी मंदिर स्थापित है। इसके बाद भारत के किसी दूसरे राज्य में शेषनाग के मंदिर स्थापित नहीं है। मंदिर के पुजारी का कहना है कि नागलोक की पूजा से धन, यश, शत्रुओं पर विजय व दीर्घायु होती है। राजस्थान की महारानी गायत्री देवी की याद में इस मंदिर को बनाया जा रहा है। मंदिर निर्माण के लिए भी राजघराने की तरफ से आर्थिक मदद की जा रही है। मंदिर को सभी देवताओं के लिए एक महल के आकार में ही बनाया जा रहा है।
काल सर्प दोष से मुक्ति
मंदिर के मुख्य पुजारी बाबा अमरदास का कहना है कि रामलोक में बनने वाले नागलोक को अष्टसिद्धि नाग मंत्रों व वैदिक रीति परंपरा द्वारा करवाया जाएगा। दसों दिशाओं में भव्य शेष नाग की 18 फीट ऊंची प्रतिमाएं स्थापित की जा रही हैं। उन्होंने कहा काल सर्प दोष से लोगों को यहां मुक्ति मिलेगी। शेष नाग पर दूध चढ़ाने मात्र से काल सर्प दोष से मुक्ति मिल जाएगी। इस मौके पर पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, उत्तप्रदेश व प्रदेश कांग्रेस कमेटी के सचिव हमिंद्र ठाकुर, सोलन निर्वाचन क्षेत्र के कांग्रेस पार्टी के विधायक डॉ. कर्नल धनीराम शांडिल सहित बड़ी संख्या मे लोगो ने पूर्ण आहुति डाली।