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पर्यटकों का गढ़ बन सकता है कृष्णगढ़

सोलन जिले की कुठाड़ रियासत का मुख्यालय आज एक उभरते शहर की ओर अग्रसर है।

By JagranEdited By: Published: Thu, 17 Jan 2019 06:22 PM (IST)Updated: Thu, 17 Jan 2019 06:22 PM (IST)
पर्यटकों का गढ़ बन सकता है कृष्णगढ़
पर्यटकों का गढ़ बन सकता है कृष्णगढ़

मनमोहन वशिष्ठ, सोलन

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सोलन जिले की कुठाड़ रियासत का गांव कृष्णगढ़ इतिहास को समेटे हुए है। आज यह गांव एक कस्बे के रूप मे विकसित हो रहा है, लेकिन अभी भी विकास की काफी दरकार है। राजमहल, प्राकृतिक सुंदरता पर्यटकों को खींचने के लिए काफी है, लेकिन सुविधा को जुटाना जरूरी है।

कुठाड़ रियासत की राजधानी कृष्णगढ़ थी। कुठाड़ रियासत की स्थापना किश्तवाड़ से आए सूरतचंद ने की थी। उस समय यह क्षेत्र मावियों के अधीन था। सूरतचंद ने मावियों को परास्त कर कुठाड़ रियासत की स्थापना की थी। कुठाड़ रियासत के पहले शासक सूरतचंद से लेकर आजादी तक 49 शासकों ने राज किया। रियासत के अंतिम शासक राणा कृष्णचंद थे और उनकी रानी का नाम कृष्णा कुमारी था। राणा कृष्णचंद के नाम पर ही कृष्णगढ़ गांव का नामकरण हुआ है। कुठाड़ रियासत 35 वर्ग किलोमीटर में फैली हुई थी। इसकी सीमाएं पटियाला रियासत, कोटबेजा रियासत व पट्टा महलोग रियासतों के साथ लगती थी। आजादी के बाद 15 अप्रैल 1948 को इस रियासत को भी अन्य रियासतों सहित हिमाचल में मिला दिया गया था। आज भी इस रियासत स्थित शाही राजमहल रियासतकालीन वैभव को बयान करते हैं। रियासत के शासकों ने कृष्णगढ़ की तरक्की के लिए कई विभागों के नाम स्कूल दान भी दी है। रियासत के वंशज राणा अरुण सेन कृष्णगढ़ में ही रहते हैं। अरुण सेन पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह के साले हैं।

कृष्णगढ़ गांव में वरिष्ठ माध्यमिक स्कूल, आइटीआइ, वन रेंज अधिकारी कार्यालय व रेस्ट हाउस, खंड शिक्षा कार्यालय, स्वास्थ्य केंद्र, बैंक, पुलिस चौकी, उपतहसील कार्यालय, कई निजी स्कूल व अन्य सरकारी कार्यालय हैं। लोगों को मूलभूत सुविधाओं के लिए बाहर नही जाना पड़ता है। बच्चों को कॉलेज की पढ़ाई के लिए सुबाथू या सोलन जाना पड़ता है। कृष्णगढ़ के साथ लगते सुबाथू छावनी व पर्यटन नगरी कसौली मुख्य शहर लगते है। कृष्णगढ़ गांव सड़क सुविधा से जुड़ा हुआ है।

कॉलेज व तहसील की दरकार

कुठाड़ रियासत के अंतिम शासक राणा कृष्णचंद के नाम पर ही गांव का नाम कृष्णगढ़ पड़ा है। कुठाड़ रियासत की राजधानी कृष्णगढ़ होने के कारण यहीं राजमहल भी है। रियासत के शासकों ने क्षेत्र के लिए काफी भूमि दान में दी है। यहां हर विभाग के कार्यालय खुले हैं। कृष्णगढ़ करीब 15 पंचायतों का केंद्र है, इसलिए यहां कॉलेज की बहुत जरूरत है। उपतहसील का स्तर बढ़ाकर तहसील करने की भी दरकार है। 1995 से 2001 तक जिला परिषद सोलन के उपाध्यक्ष होने के नाते क्षेत्र में विकास करवाया है। कृष्णगढ़ बहुत ही सुंदर गांव है जो पर्यटन के रूप में भी उभर सकता है। राजमहल के साथ कुठाड़ पैलेस होटल भी बनवाया है।

- राणा अरुण सेन।

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कृष्णगढ़ एक ऐतिहासिक क्षेत्र है। यहां सदियों पुराना राजमहल है, जो आज भी अपने वैभव को चमकाए हुए है। कृष्णगढ़ के किलों व सुंदर क्षेत्र को पर्यटन के रूप में विकसित किया जा सकता है। साथ बहती नदी भी पर्यटकों का आकर्षण का केंद्र बन सकती है। सरकार को इस क्षेत्र को पर्यटन की दृष्टि से विकसित करना चाहिए।

-सुदर्शन शर्मा, व्यवसायी कृष्णगढ़।


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