ऑनलाइन व ऑफलाइन टेंडर के रेट में दोगुना अंतर
नगर परिषद बद्दी द्वारा किए गए ऑफलाईन टेंडरों को लेकर कई सवाल उठने शुरू हो गए हैं।
संवाद सहयोगी, बद्दी : नगर परिषद बद्दी द्वारा किए ऑफलाइन टेंडरों पर कई सवाल उठने शुरू हो गए हैं। इसमें जहां सरकार को भी भारी चूना लगना था, वहीं समय रहते अगर नगर परिषद अध्यक्ष नरेंद्र कुमार हस्तक्षेप न करते तो चंद ठेकेदारों के भी वारे न्यारे हो जाते। अध्यक्ष ने सभी विवादित ऑफलाइन टेंडर रद कर दिए हैं।
कुछ दिन पहले नगर परिषद ने विभिन्न विकास कार्यो के 30 टेंडर ऑनलाइन आमंत्रित किए थे, जिसमें से 19 के लिए ठेकेदार सामने आए थे। करीब 35 लाख के 11 टेंडर रद करने पडे़। इसके बाद नगर परिषद प्रशासन ने इन टेंडरों को ऑफलाइन कर दिया, लेकिन यह टेंडर विवादों में घिर गए। आरोप है कि सभी ठेकेदारों ने मिलीभगत से हर काम के बहुत ज्यादा दाम भर दिए और तीन-तीन कोटेशन हर टेंडर के लिए भर दी। नगर परिषद अध्यक्ष ने तत्काल प्रभाव से समस्त 11 विवादित टेंडर रद करके उनको ऑनलाइन करने की घोषणा कर दी।
नगर परिषद अध्यक्ष ने वीरवार को बताया कि ऑनलाइन टेंडरों में टाइलें लगाने का रेट ठेकेदारों ने लगभग 650 रुपये प्रति वर्ग मीटर रेट भरा, जबकि ऑफलाइन में अधिकांश ठेकेदारों ने मिलीभगत से 1300 रुपये प्रति वर्ग मीटर भरा था। दो टेंडरों में राशि का इतना अंतर हर किसी के समझ से परे था और यहीं से विवाद शुरू हुआ था।