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शांता कुमार समेत पांच साहित्यकारों को साहित्य वाचस्पति सम्मान

सोलन में तीन दिवसीय हिदी साहित्य सम्मेलन-प्रयाग के 72वें अधिवेशन एवं परिसंवाद के समापन समारोह में साहित्यकारों को साहित्य में दिए गए अमूल्य योगदान के लिए सम्मानित किया गया। हिदी साहित्य सम्मलेन-प्रयाग के 72वें अधिवेशन एवं परिसंवाद में बतौर सभापति पूर्व मुख्यमंत्री व वरिष्ठ साहित्यकार शांता कुमार को हिदी साहित्य में अहम योगदान के लिए हिन्दी साहित्य सम्मेलन की सर्वोच्च उपाधि साहित्य वाचस्पति सम्मान से सम्मेलन के मुख्यातिथि राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय ने सम्मानित किया। इस दौरान सम्मेलन के सहायकमंत्री श्याम कृष्ण पांडेय ने कहा कि विभिन्न परिस्थतियों के बावजूद भी शांता कुमार ने 20 पुस्तकों को लिखा है। वह पंचायत पंच

By JagranEdited By: Published: Sun, 01 Mar 2020 08:23 PM (IST)Updated: Mon, 02 Mar 2020 06:26 AM (IST)
शांता कुमार समेत पांच साहित्यकारों को साहित्य वाचस्पति सम्मान
शांता कुमार समेत पांच साहित्यकारों को साहित्य वाचस्पति सम्मान

संवाद सहयोगी, सोलन : सोलन में रविवार को तीन दिवसीय हिदी साहित्य सम्मेलन-प्रयाग के 72वें अधिवेशन एवं परिसंवाद में पूर्व मुख्यमंत्री एवं साहित्यकार शांता कुमार सहित पांच साहित्यकारों को सम्मेलन की सर्वोच्च उपाधि साहित्य वाचस्पति से सम्मानित किया। मुख्य अतिथि राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय ने साहित्य में अमूल्य योगदान के लिए चार अन्य साहित्यकारों सोम ठाकुर, माधव कौशिक, डॉ. जयप्रकाश व डॉ. योगेंद्र नाथ शर्मा को यह सम्मान किया।

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इस अवसर पर शांता कुमार ने कहा कि लेखन की पीड़ा भी प्रसव की पीड़ा की तरह ही है जो साहित्य सृजन के साथ ही शांत होती है। उन्होंने इस उपाधि को देने के लिए हिदी साहित्य सम्मेलन-प्रयाग संस्था का भी आभार जताया।

राज्यपाल ने शांता कुमार की पत्नी संतोष शैलजा, भाषा कला एवं संस्कृति विभाग के पूर्व निदेशक डॉ. प्रेम शर्मा सहित अन्य विभूतियों को सम्मेलन सम्मान दिया। इस अवसर पर डॉ. गरिमा सिंह के उपन्यास ख्वाहिशें अपनी-अपनी व कृष्ण मुरारी अग्रवाल की पुस्तक भाषा प्रवाह का विमोचन भी किया गया। इस अवसर पर विधायक डॉ. कर्नल धनीराम शांडिल, डॉ. राधा रमण शास्त्री, महेंद्र सोफ्त, वीरेंद्र कश्यप, प्रो. अभिराज राजेंद्र मिश्र, विभूति मिश्र, श्याम कृष्ण पांडेय, उत्तम चौहान, डॉ. मुकेश शर्मा आदि मौजूद रहे।


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