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उद्घाटन के एक साल बाद भी नहीं बना खुशवंत ट्रेल मार्ग

मनमोहन वशिष्ठ, सोलन सदी के महान लेखक व कसौली को दूसरा घर मानने वाले खुशवंत सिंह के

By JagranEdited By: Published: Sat, 26 Aug 2017 03:02 AM (IST)Updated: Sat, 26 Aug 2017 03:02 AM (IST)
उद्घाटन के एक साल बाद भी नहीं बना खुशवंत ट्रेल मार्ग
उद्घाटन के एक साल बाद भी नहीं बना खुशवंत ट्रेल मार्ग

मनमोहन वशिष्ठ, सोलन

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सदी के महान लेखक व कसौली को दूसरा घर मानने वाले खुशवंत सिंह के नाम पर रखे गए खुशवंत सिंह नेचर ट्रेल ओल्ड कसौली कालका नाइन मील रोड उद्घाटन के एक साल बीतने के बाद भी नहीं बना है। पिछले साल अक्टूबर में कसौली में आयोजित पांचवें खुशवंत सिंह लिटफेस्ट में सीएम वीरभद्र सिंह ने इसका उद्घाटन किया था। इस मार्ग को कसौली से लेकर कालका तक बनाने का प्रावधान था लेकिन मात्र एक किलोमीटर दूर मशोबरा तक बनने के बाद यह एक भी कदम आगे नहीं बढ़ पाया। लेखक खुशवंत सिंह के जन्म स्थान पाकिस्तान में स्थित हडाली स्कूल की मरम्मत में खुशवंत सिंह के मरणोपरात राख को दीवारों पर लगाया गया था जो वहां का उनके प्रति प्यार दर्शाता है उसी स्नेह और साहित्य में योगदान को देखते हुए भारत में उनके दूसरे घर कहे जाने वाले कसौली में उनके नाम पर प्रदेश सरकार ने नेचर ट्रेल का उदघाटन किया गया था।

प्रदेश सरकार ने साहित्य जगत के नामी लेखक व पत्रकार खुशवंत सिंह को उनके कसौली के प्यार को देखते हुए ओल्ड कसौली कालका रोड को खुशवंत सिंह ट्रेल के नाम पर उद्घाटन किया था। यह वही सड़क है जो ब्रिटिशकाल में हिमाचल के लिए आवाजाही में प्रयोग होती थी और इसे कालका-कसौली नाइन मील के नाम से भी जाना जाता है। इस मार्ग के बनने से कसौली से कालका की दूरी मात्र 12 किलोमीटर ही रह जानी थी। खुशवंत सिंह ने अपने जीवन का आधा समय कसौली में ही व्यतीत किया था और अकसर इसी कसौली से कालका से आवाजाही करते थे। खुशवंत सिंह ने ट्रेन टू पाकिस्तान जैसी कालजयी पुस्तक और अन्य ऐतिहासिक किताबें भी कसौली में ही लिखी हैं।

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खुशवंत सिंह नेचर ट्रेक ओल्ड कसौली कालका नाइन मील रोड को मशोबरा तक बनाया जा चुका है। आगे के लिए डीपीआर बनाई जा रही है जो 15 दिन में तैयार हो जाएगी। सरकार ने इसके लिए 50 लाख के बजट का प्रावधान रखा है। कसौली से कालका तक इसे बनाया जाएगा।

- संदीप सोबती, एक्सईएन, लोक निर्माण विभाग, कसौली।


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