काठा अग्निकाड में मामला दर्ज
संवाद सहयोगी, बद्दी : बद्दी कस्बे के वार्ड छह काठा में हुए अग्निकांड के बाद पुलिस ने अज्ञात ल
संवाद सहयोगी, बद्दी : बद्दी कस्बे के वार्ड छह काठा में हुए अग्निकांड के बाद पुलिस ने अज्ञात लोगों के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है। अब झुग्गी-झोपड़ी में आग किसने लगाई या अचानक लगी या शॉट सर्किट से हादसा हुआ इस पर अभी तक कोई खुलासा नहीं हो सका है।
काठा सब स्टेशन के साथ लगती निजी कृषि भूमि पर बनाई गई किराये की झुगी-झोपड़ी में लगी आग और उससे मौत के मुंह में समाए एक बच्चे की मौत के बाद पुलिस हरकत में आई है। पुलिस जांच कर रही है कि इस भूमि का असली मालिक कौन है।
गुरुवार दोपहर काठा में प्रवासी मजदूरों की चार दर्जन झुग्गिया आग की भेंट चढ़ी थी और एक बच्चा मर गया था। प्रशासन ने सभी किसानों को निर्देश दे रखे है कि अपनी अपनी जमीनों में लो-कॉस्ट हाउसिंग का निर्माण करे जो कि ईट गारे-सीमेंट व टिनों से बनेगा। इसके बाद भी उक्त किसान ने धनराशि जुटाने के चक्कर में सभी सरकारी फरमानों की अनदेखी की और एक बच्चें को मौत के मुंह में धकेल दिया।
डीएसपी बद्दी खजाना राम ने बताया कि अग्निकाड में मरे अबोध बालक के बाद अज्ञात लोगों के विरुद्व मामला दर्ज कर लिया गया है। यह जमीन किसकी है इस बारे में गहनता से राजस्व रिकॉर्ड देखने के बाद ही पता चलेगा और उसी के बाद केस आगे बढ़ेगा। जो भी दोषी होगा ब शा नहीं जाएगा। गुरुवार को अपने जीवन की कमाई व कच्चे घरौंदे गंवा चुके लगभग चार दर्जन परिवार आज खुले आसमा तले रातें बिताने को विवश है। सबसे च्यादा परेशानी बच्चों व महिलाओं को हो रही और उनको नहाने धोने तक की मुश्किल हो रही है। एक तो मच्छरों का कहर ऊपर से बिना बिजली रातें काटना बरोटीवाला काठा क्षेत्र में किसी जंग जीतने से कम नहीं है। पहली रात नन्हे बच्चों ने अपने घरों के बगैर रात बिताई तो अपने निजी सामान विस्तर बर्तन आदि न पाकर भी वह हताश नजर आ रहे थे।
वहीं स्थानीय पार्षद माया देवी, संदीप सचदेवा व मनोनीत पार्षद तरसेम चौधरी ने कहा कि हम सबकी संवेदना पीड़ित परिवारों के साथ है। उनके पुर्नवास के प्रयास किए जाएंगे।
वहीं पार्षद संदीप सचदेवा ने कहा कि काठा में तो मात्र एक जान गई लेकिन अगर चक्का रोड पर बनी प्रवासी मजदूरों की झुग्गियों में आग लग गई तो सैकड़ों जानें जाएंगी। चक्का रोड पर किसानों व व्यवसायियों ने निजी भूमि पर 900 से ज्यादा झोंपडिया किराये के लालच में बना रखी हैं, अगर एक में आग लग तो सभी तबाह हो जाएंगी और अगर ऐसा हुआ तो कैसा मंजर होगा यह हम सोच भी नहीं सकते। बीबीएनडीए की लो-कॉस्ट हाऊसिंग को क्यों नहीं सख्ती से लागू किया गया। अगर विभाग ऐसे ही सोते रहे तो मासूम प्रवासी लोगों की जाने जाती रहेगी और बीबीएन के विकास में अहम रोल निभाने वाला यह वर्ग पीड़ित होता रहेगा।