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कठिन समय में जेपी विश्वविद्यालय ने शुरू किए कई कार्यक्रम

जेपी सूचना प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय वाकनाघाट सोलन के जैव प्रौद्योगिकी और ज

By JagranEdited By: Published: Fri, 02 Jul 2021 08:37 PM (IST)Updated: Fri, 02 Jul 2021 08:37 PM (IST)
कठिन समय में जेपी विश्वविद्यालय ने शुरू किए कई कार्यक्रम

जागरण संवाददाता, सोलन : जेपी सूचना प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय वाकनाघाट, सोलन के जैव प्रौद्योगिकी और जैव सूचना विज्ञान विभाग ने एक वर्ष के दौरान कोरोना महामारी के कठिन समय के बावजूद कई शैक्षणिक कार्यक्रमों का आयोजन किया। महामारी के दौरान विभाग ने डीबीटी प्रायोजित एमएससी जैव प्रौद्योगिकी कार्यक्रम का अपना पहला बैच शुरू किया है। इस शैक्षणिक सत्र से विभाग एक नया पीजी प्रोग्राम एमएससी माइक्रोबायोलॉजी शुरू कर रहा है।

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विभाग ने हिमकोस्टे के सहयोग से डीबीटी कौशल विज्ञान कार्यक्रम के तहत स्नातक विज्ञान के दो बैच के विद्यार्थियों को प्रशिक्षण प्रदान किया। लाकडाउन की अवधि में विभाग को दो पेटेंट भी दिए गए। विभाग ने अपने अंतिम वर्ष के विद्यार्थियों का 89 फीसद प्लेसमेंट हासिल किया। पाच विद्यार्थियों ने जैव प्रौद्योगिकी और जैव सूचना विज्ञान के क्षेत्र में पीएचडी डिग्री प्रदान की गई। विभाग के कई विद्यार्थियों को संयुक्त राज्य अमेरिका और यूरोपीय विश्वविद्यालयों में जैव प्रौद्योगिकी और जैव सूचना विज्ञान के क्षेत्र में परास्नातक और पीएचडी कार्यक्रमों के लिए चुना गया है। विभाग के जैव सूचना विज्ञान के पूर्व छात्रों में से एक हरि कृष्ण यलमाचिली अब बायलर कालेज आफ मेडिसिन, टेक्सास (यूएसए) में संकाय के रूप में कार्यरत हैं। विभाग के कई अन्य पूर्व छात्र वैश्विक स्तर पर विभिन्न शैक्षणिक और अनुसंधान आधारित पदों पर काम कर रहे हैं। विभाग का क्लब कई गतिविधियों को अंजाम देता रहा है। इनमें पूर्व छात्र व्याख्यान, लेख लेखन और बायोमाडलिंग प्रतियोगिताएं (वैज्ञानिक प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता) शामिल थीं। कुलपति प्रो. विनोद कुमार ने इन सभी प्रयासों के लिए विभाग के संकाय सदस्यों के प्रयासों की सराहना की है। उन्होंने कहा कि ये गतिविधियां विद्यार्थियों को वर्तमान रुझानों और भविष्य के दृष्टिकोण के बारे में अत्याधुनिक ज्ञान प्रदान करती हैं और न केवल शिक्षा में बल्कि उद्योगों में भी उनके सफल करियर के निर्माण के लिए उनका मार्गदर्शन करती हैं।


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