डायमंड दी झांझर गाने ने दिलाई पहचान
यदि इंसान में कुछ करने की ललक हो और उसे मेहनत से करे तो सफलता
मनमोहन वशिष्ठ, सोलन
यदि इंसान में कुछ करने की ललक हो और उसे मेहनत से करे तो सफलता मिल ही जाती है। यह कहना है डायमंड दी झांझर गाने से लाखों संगीतप्रेमियों के दिलों पर राज करने वाले पंजाबी गायक गुरनाम भुल्लर का। गुरनाम सोलन में आयोजित राज्यस्तरीय शूलिनी मेले की अंतिम सांस्कृतिक संध्या में बतौर स्टार कलाकार अपनी प्रस्तुति देने पहुंचे थे।
इस दौरान दैनिक जागरण के साथ बातचीत में उन्होंने कहा कि संगीत के क्षेत्र में लगन व मेहनत बहुत जरूरी है। संगीत के क्षेत्र में हर कोई अपना भाग्य आजमाना चाहता है, लेकिन सफलता किसी किसी को ही मिलती है। उन्होंने बताया कि हिमाचल में उनका यह पहला शो है।
डायमंड से मिली शोहरत
गुरनाम भुल्लर ने बताया कि अभी तक उनके 12 से अधिक गाने आ चुके हैं, जिन्हें लोगों ने बहुत प्यार दिया है। इसी वर्ष आए उनके गाने डायमंड दी झांझर व फोन मार दी ने रातोंरात पूरी दुनिया में पहचान दिला दी। इसके अलावा जिना तेरा मैं करदी, फोन मार दी, पहुंच, विन्नी पैग, शनिवार, रख ली प्यार नाल, जून दियां छुट्टियां, गोरियां नाल गेडे व मुलाकात गाने भी संगीत प्रेमियों के बीच काफी लोकप्रिय हैं। उन्होंने बताया कि उनके कई गाने जल्द बाजार में आने वाले हैं। वह हर जॉनर के गाने गाना पसंद करते हैं।
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बचपन से संगीत का शौक
गुरनाम ने बताया कि संगीत का शौक उन्हें बचपन से ही लग गया था। नौ साल की उम्र में ही संगीत को सीखना शुरू कर दिया था। वर्ष 2008 में 13 वर्ष की उम्र में पंजाबी सिंगिंग रियलिटी शो निक्की आवाज पंजाब दी के विजेता रह चुके हैं। 2012 में आवाज पंजाब दी सीजन पांच के भी विजेता बने। 2012 में जीटीवी के सारेगामापा में भी प्रतिभागी रह चुके हैं।