दाड़लाघाट में हिदी संस्कृत वर्ग का शुभारंभ
दाड़लाघाट सरस्वती विद्या मंदिर दाड़लाघाट में हिदी संस्कृत वर्ग का शुभारंभ हो गया।
संवाद सूत्र, दाड़लाघाट : सरस्वती विद्या मंदिर दाड़लाघाट में हिदी संस्कृत वर्ग का शुभारंभ हो गया। इस कार्यक्रम का उद्घाटन हिमाचल शिक्षा समिति के अध्यक्ष देवीरुप शर्मा ने किया। उनके साथ उत्तर क्षेत्र के संस्कृत प्रमुख उपेंद्र कुमार शास्त्री, अमिता भारद्वाज, उषा मिन्हास, देवराज, प्रवीण शास्त्री, विद्यालय के प्रधानाचार्य गीता राम भी उपस्थित रहे। कार्यक्रम का उद्घाटन मां सरस्वती के सामने दीप प्रज्ज्वलित करके किया गया। इस अवसर पर हिमाचल शिक्षा समिति के अध्यक्ष ने हिदी संस्कृत वर्ग के महत्व के बारे शिक्षार्थियों को बताया। उन्होंने कहा कि मातृभाषा में शिक्षण के द्वारा बालक का पूर्णरूप से मानसिक विकास होता है, इसमें उसकी सोचने की क्षमता बढ़ती है जबकि अन्य भाषा जैसे अंग्रेजी में उसे अपने मस्तिष्क पर अधिक जोर डालना पड़ता है, अत: बालक का प्रारंभिक शिक्षण केवल मातृभाषा में ही होना चाहिए।
देवीरुप शर्मा ने कहा कि जिसे देश की भाषा समृद्ध होती है वह देश भी समृद्ध होता है। विद्या भारती शिक्षा के क्षेत्र में सबसे बड़ा शिक्षण संस्थान है। शिक्षा से ही समाज अच्छा बनता है और एक अच्छे समाज से एक अच्छे राष्ट्र का निर्माण होता है। इस अवसर पर उन्होंने कहा सभी भाषा अध्यापकों को अपनी भाषा पर गर्व होना चाहिए और उनको यह भाव छात्रों के अंदर भी जगाना चाहिए। इस हिदी संस्कृत वर्ग में पूरे हिमाचल प्रदेश से 83 प्रतिभागी भाग ले रहे हैं जिनमें संस्कृत के 45 एवं हिदी के 38 आचार्य हैं। इस वर्ग के अंदर शिक्षार्थियों को हिदी व संस्कृत की नई तकनीकी के द्वारा शिक्षण कैसे किया जा सकता है, इस पर विशेष बल दिया जाएगा। इस वर्ग के अंदर भाषा शिक्षण को उत्तम बनाने के लिए क्रियाकलाप भी करवाए जाएंगे। इस वर्ग का समापन चार अप्रैल को होगा।