Heath Update: सावधान! गुणवत्ता के मानकों पर खरी नहीं उतरी कोरोना और टायफाइड वैक्सीन, बाजार से वापस होगा स्टॉक
सीडीएल के अधिकारियों का कहना है कि टायफाइड वैक्सीन का सैंपल फील्ड से उनके पास जांच के लिए आया था। यह भी माना जा रहा है कि जहां से ड्रग इंस्पेक्टर ने सैंपल लिया हो वहां अधिक तापमान के चलते वैक्सीन की गुणवत्ता में खामी आई हो।
सोलन, मनमोहन वशिष्ठ। हैदराबाद की दो कंपनियों के वैक्सीन सैंपल केंद्रीय औषधि प्रयोगशाला (सीडीएल) कसौली में परीक्षण के दौरान गुणवत्ता मानकों पर खरे नहीं उतरे हैं। सीडीएल कसौली ने वेबसाइट पर यह सूचना अंकित की है। एक कंपनी का टायफाइड वैक्सीन का सैंपल फील्ड से परीक्षण के लिए सीडीएल कसौली में भेजा गया था जबकि हैदराबाद की एक अन्य कंपनी द्वारा निर्मित कोरोना वायरस वैक्सीन का सैंपल बैच कंपनी से परीक्षण के लिए सीडीएल में आया था।
सीडीएल के अधिकारियों का कहना है कि टायफाइड वैक्सीन का सैंपल फील्ड से उनके पास जांच के लिए आया था। यह भी माना जा रहा है कि जहां से ड्रग इंस्पेक्टर ने सैंपल लिया हो, वहां अधिक तापमान के चलते वैक्सीन की गुणवत्ता में खामी आई हो। यह वैक्सीन बैच पहले से ही बाजार में है, लेकिन अभी तक किसी तरह की कोई शिकायत नहीं आई है।
वैक्सीन का सैंपल फेल होने के बाद अब कंपनी को बाजार में उतारा हुआ बैच वापस लेना होगा। केंद्रीय औषध मानक नियंत्रण संगठन (सीडीएससीओ) अब कंपनियों से स्पष्टीकरण मांगेगा। प्रयोगशाला ने कंपनियों के नाम नहीं बताए हैं हालांकि आधिकारिक सूत्रों के अनुसार, भारत बायोटेक की टायफाइड और बायोलाजिकल-ई की कोरोना वैक्सीन के सैंपल मानकों पर खरे नहीं उतरे हैं।
इस वर्ष तीन सैंपल हो चुके फेल
सीडीएल कसौली में दो माह में वैक्सीन के तीन सैंपल फेल हो चुके हैं। मार्च में गाजियाबाद की कंपनी का मेनिंगोकोकल पालीसेकेराइड वैक्सीन (ए एंड सी) का सैंपल परीक्षण में खरा नहीं उतरा था। वर्ष 2022 में केवल चार सैंपल फेल पाए गए थे, जिसमें कोरोना वायरस के तीन और रोटा वायरस वैक्सीन का एक सैंल था। देशभर में बनने वाली वैक्सीन को बाजार में उतारने से पहले सीडीएल कसौली में परीक्षण के दौर से गुजरना पड़ता है। यहां से अनुमति मिलने के बाद ही बाजार में वैक्सीन को उतारा जा सकता है।
कसौली में परीक्षण के दौरान दोनों दवाओं के सैंपल खराब पाए गए
सीडीएल कसौली में हैदराबाद की कंपनी द्वारा निर्मित टायफाइड वैक्सीन का सैंपल फील्ड से जांच के लिए आया था, जो कि मानकों में सही नहीं उतरने पर फेल हुआ है। वहीं, हैदराबाद की ही एक अन्य कंपनी द्वारा निर्मित कोरोना वायरस वैक्सीन का बैच परीक्षण के दौरान गुणवत्ता मानकों में खरा नहीं उतरा। (सुशील साहू, निदेशक सीडीएल कसौली)