देश सेवा का जज्बा था, परिजनों को बताए बगैर हुए भर्ती; दो माह पहले लिए थे फेरे
nalagarh martyr Rajesh rishi राजेश ऋषि अपने साथियों के साथ घूमने के इरादे से भर्ती देने अपने घरवालों के बिना बताए चले गए थे।
ओमपाल सिंह, नालागढ़। उसे बचपन से ही देश सेवा की लगन लग चुकी थी। वह सेना में भर्ती होने के सपने देखता था। घरवाले अपने लाडले को कंप्यूटर इंजीनियर बनाना चाहते थे, लेकिन वह सेना की वर्दी पहनने की ललक पाले बैठा था। यही वह जज्बा था जिसके लिए वह घरवालों से झूठ बोलकर सेना में भर्ती होने निकल गया। बात हो रही है किन्नौर के पूह में ग्लेशियर की चपेट में आए 7 जैक राइफल के शहीद हुए सैनिक राजेश ऋषि की।
नालागढ़ निवासी राजेश इलेक्ट्रॉनिक व कम्यूनिकेशन का डिप्लोमा पूरा कर घरवालों को बिना बताए साथियों के साथ घूमने का बहाना बना सेना में भर्ती होने रामपुर बुशहर के निकल गए। हालांकि परिजन उसे इंजीनियर बनाना चाहते थे। बेटे के सेना में जाने के बाद मां-बाप का हौसला काफी बढ़ गया। वह छह साल से सेना में सेवाएं दे रहे थे। गरीब परिवार की आर्थिक स्थिति में भी लगातार बदलाव आता गया। राजेश वर्तमान में किन्नौर के पूह में तैनात थे। 20 फरवरी को साथियों के साथ गश्त पर गए। इस बीच ग्लेशियर गिरा और राजेश समेत उनके साथी उसमें दब गए। आखिर 11वें दिन गत शनिवार को परिजनों को ऐसी खबर मिली जिसकी किसी ने कल्पना तक नहीं की होगी।
दो माह पहले हुई शादी, अप्रैल में आना था घर राजेश की करीब दो माह पहले 12 दिसंबर को शादी हुई थी। दुल्हन के हाथ की मेहंदी अभी सूखी भी नहीं थी कि उसके लिए पहाड़ जैसी खबर आ गई। 20 फरवरी को घटना से पहले राजेश ने पत्नी से बात की थी और कहा था कि वह अप्रैल में छुट्टी आएगा। वीरनारी को रोजगार देने की मांग शहीद राजेश के ताया कामरेड रणदीप ¨सह ने बताया कि उन्होंने सेना के अधिकारियों से वीरनारी को नौकरी के साथ बड़े भाई को भी रोजगार मुहैया कराने की अपील की है। उधर, प्रशासन की ओर से एडीएम विवेक चंदेल ने शहीद के परिजनों के 35 हजार रुपये की फौरी राहत दी।
शहीद राजेश सैन्य सम्मान के साथ पंचतत्व में विलीन
किन्नौर के पूह में हिमखंड की चपेट से आकर शहीद हुए सैनिक राजेश ऋषि का रविवार को उनके पैतृक गांव नालागढ़ के जगतपुर के श्मशानघाट पर सैन्य सम्मान के साथ अंतिम संस्कार कर दिया गया। उनके बड़े भाई रवि ने चिता को मुखाग्नि दी। नालागढ़ पुलिस व सेना की टुकड़ी ने हवा में फायर कर अंतिम सलामी दी। शहीद का शव रविवार सुबह साढ़े दस बजे गांव पहुंचा। डोगरा रेजीमेंट के मेजर राहुल ठाकुर शव के साथ पहुंचे। प्रशासन की ओर से एसडीएम प्रशांत देशटा, एसपी राहुत मालपानी, डीएसपी चमन लाल, शहीद के पिता रणबीर ¨सह, पूर्व विधायक केएल ठाकुर, विधायक लखविंद्र राणा, हरदीप बावा, दून के विधायक परमजीत पम्मी, पूर्व विधायक राम कुमार चौधरी, हरप्रीत, जिला परिषद अध्यक्ष धर्मपाल चौहान, जगपाल ठाकुर, बलविंद्र, योगेश्वर सिंह ने शहीद को श्रद्धांजलि अर्पित की।